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बिलासपुर। शिक्षक पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट से लगा स्टे खारिज हो गया है। अदालत ने प्रमोशन पर लगे स्टे को खारिज करते हुए तय प्रक्रिया के तहत काउंसलिंग के माध्यम से प्रमोशन देने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि कोरबा जिले के 1145 सहायक शिक्षको को प्रमोशन देकर प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति दिया गया था। प्रमोशन के बाद उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी ने विभिन्न स्कुलो में पदस्थापना दी थी। ड़ीईओ के द्वारा जारी आदेश में विसंगतिया पाते हुए कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने निरस्त कर दिया था। बाद में डीपीआई से काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति के बाद पदस्थापना दिए जाने के निर्देश मिले थे, पर इससे पहले ही कोरबा के कई शिक्षकों ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगा दी थी।
याचिका में बताया गया कि पदोन्नति व पदस्थापना की प्रक्रिया को निरस्त करने का अधिकार कलेक्टर को नही है। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच में हुई। जिसमें सुनवाई के बाद अदालत ने पदोन्नति प्रक्रिया पर स्टे दे दिया था। मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसमें अब फैसला सुनाते हुए पदोन्नति पर लगे स्टे को खारिज कर दिया गया। अदालत के फैसले के अनुसार कलेक्टर का निर्णय सही था। काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना दी जानी चाहिए। अदालत के फैसले के बाद अब एक बार फिर से कोरबा जिले में सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक पद पर प्रमोशन व पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।