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तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद सभी को यह डर सताने लगा है क्या दुनिया के बाकी देशों में इस तरह के झटके देखने को मिल सकते हैं. इस डर और चर्चा के बीच डेनमार्क और ग्रीनलैंड के राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GEUS) की एक सीनियर रिसर्चर ने कहा है कि जब कभी भी ताकतवर भूकंप आते हैं तो पूरी दुनिया में उसके फैलने का डर रहता है.
टीआरटी वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीनलैंड केएनआर ब्रॉडकास्टर के अनुसार, सीनियर रिसर्चर टीना लार्सन ने कहा कि तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद डेनमार्क और ग्रीनलैंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए. उन्होंने कहा कि जब कभी इतना शक्तिशाली भूकंप आते हैं तो सॉलिड पृथ्वी के माध्यम से झटके उस क्षेत्र से यात्रा करते हैं जहां भूमिगत विस्थापन हुआ होता है. यही वजह है कि तुर्की के बाद रूस, अर्जेंटीन और ताइवान में भी झटके महसूस किए गए हैं.
10 मीटर तक नीचे खिसका तुर्की
सोमवार तड़के आएं भूकंप के झटकों के बाद इटली के एक भूकंप विज्ञानी ऐलेस्सैन्द्रों ने दावा किया है कि विनाशकारी भूकंप के बाद तुर्की 10 मीटर नीचे खिसक गया है. भू-विज्ञानी ने दावा किया है कि भीषण भूकंप ने तुर्की और सीरिया के बीच की सीमा पर एक नई फॉल्ट लाइन को एक्टिव कर दिया जिसकी वजह से वहां की जमीन 10 मीटर तक नीचे खिसक गई है.
8000 लोगों की जा चुकी है जान
तुर्की में सोमवार तड़के आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अब तक 8000 लोगों की मौत हो चुकी है. भूकंप के तगड़े झटकों के बाद तुर्की में हजारों की संख्या में इमारतें जमींदोज हो गई हैं. तुर्की की सरकार ने देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है. राहत व बचाव के लिए तुर्की के साथ-साथ दुनिया के कई देशों की टीमें पहुंची हुई हैं.