राज्य स्तरीय युवा महोत्सव 2023 : कविता के सृजन के लिए दौलत नहीं, नीयत होनी चाहिए…

www.khabarwala.news

schedule
2023-01-30 | 12:03h
update
2023-01-30 | 12:03h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
राज्य स्तरीय युवा महोत्सव 2023 : कविता के सृजन के लिए दौलत नहीं, नीयत होनी चाहिए…

raipur@khabarwala.news

रायपुर, 30 जनवरी 2023 : राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के तीसरे एवं अंतिम दिन पहले सत्र में कहानी रचना एवं दूसरे सत्र में कविता पाठ का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री परदेशी राम वर्मा और दूसरे सत्र की अध्यक्षता श्री रामेश्वर वैष्णव ने की। इन नवोदित साहित्यकारों को साहित्य रचना की बारीकियों विषय-वस्तु और कथानकों के रेखांकन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छत्तीसगढ़ लोक साहित्य के पहले सत्र के अध्यक्ष डॉ.परदेशी राम वर्मा ने परमानंद वर्मा के गोंदा उपन्यास तथा सरगुजिया भाषा में दीपलता देशमुख की बाल कहनी का विमोचन किया।

Advertisement

 

पहले सत्र में कहानी रचना एवं दूसरे सत्र में कविता पाठ का आयोजन किया गया

दूसरे सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर वैष्णव ने भी कविता का वाचन किया। उन्होंने नवोदित साहित्यकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कविता का सृजन दौलत से नहीं, नीयत से होता है। साहित्य और रचनाकार पूरी तन्मयता और मन लगाकर साहित्य रचना से जुडे़। उन्होंने सुधा वर्मा द्वारा लिखित कथा संग्रह ’इंद्रावती के धार’ का विमोचन किया। इस मौके पर राजभाषा आयोग के सचिव श्री अनिल भतपहरी ने भी अपने संस्मरण सुनाएं।

सत्र के प्रारंभ में महासमुंद के श्री बंधु राजेश्वर खरे ने अपनी कहानी में शीर्षक ’माटी के आसरा’ का वाचन किया। यह कहानी शराब और जुएं की सामाजिक बुराईयों और उससे पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित थी। इसी तरह बलौदाबाजार-भाटापारा के श्री चोवाराम बादल की कहानी ’खिलौना’ में परिवार और समाज में दिव्यांगता को एक सेवा का अवसर समझकर दिव्यांगजनों के प्रति व्यवहार करने का संदेश दिया गया है।

कोरबा के श्री मंगत रवीन्द्र की कहानी जुबान की कीमत में सौदा के वायदे को निभाने और उस पर अडिग रहने की बात पर केंद्रित थी। इसी तरह जांजगीर -चांपा के श्री रामनाथ साहू की कहानी प्रतिशोध में आवेश के अपेक्षा शांति में ही सब की भलाई का संदेश दिया गया। नगरी के डॉ. शैल चंद्रा की ’अगोरा’ कहानी में सैन्य परिवार के आत्मीय संबंध को रेखांकित किया गया। बस्तर के श्री विक्रम कुमार सोनी ने हल्बी कहानी में इंद्रावती नदी की महत्ता और मानव सभ्यता के विकास में नदियों के योगदान का उल्लेख किया गया।

श्री रूपेश तिवारी ने ’ए ग जवईया सुन तोर ठहराव कहा हे, शहरिया चकाचौंध म तोर गांव कहा हे’ जैसे कविता से शमा बांधा। बंटी छत्तीसगढ़िया ने ’बेटी सुख के आंखी, ऊही दिया उही बाती, तीपत तेल न झन डार ग, बेटी ल पेट म झन मार ग’ से अपनी कविता पाठ का प्रारंभ किया। सुश्री जयमती कश्यप ने हल्बी और श्री नरेंद्र पाढ़ी ने सादरी एवं भतरी में अपनी कविता का वाचन किया। कवि बसंत राघव ने ’जाड़’ में केंद्रित कविता का पठन किया। इसी तरह कवि श्री सुशील भोले ने ’कोन गली ले आथे जाथे अऊ लोगन ल भरमाते, ये जिनगी घाम छांव बन जाथे’ कविता का पठन किया।

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
18.11.2024 - 00:28:54
Privacy-Data & cookie usage: