पीएम आवास से खुशहाल हो गई सेवकराम की जिंदगानी, अब नहीं टपकता छत से पानी …

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— मुड़पार चु के रहने वाले सेवकराम को मिला पक्का आवास 

जांजगीर-चांपा। सेवकराम के घर में अब बारिश की बूंद नहीं टपकती है, उसका घर अब पक्का हो गया और परिवार के साथ उसकी जिंदगानी खुशहाल हो गई। यह सब संभव हो सका प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से बनाए गए पक्के मकान को पाकर।

जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड पामगढ़ के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुड़पार (चु) में रहते हैं सेवकराम पिता भागीरथी यादव। वह बताते हैं कि पहले उनके घर में बारिश के दिनों में जब पानी टपकता था, तो परिवार को बहुत तकलीफ होती थी, ऐसा लगता था कि हम सब खुले आसमान में रह रहे हो। इस भयावह जिंदगी में कोई आस नजर रही आ रही थी, हर टपकती बूंद दिल में बहुत कचोट पैदा करती थी। हर दिन यूं ही बीत रहा था, मानो कभी कच्चा मकान, टपकती छत से छुटकारा मिल ही नहीं पाएगा। वह दूसरे के पक्के मकान को देखकर हमेशा इसी उधेड़बुन में सोचते हुए कि कभी तो वह दिन आएगा जब वह भी अपने परिवार के साथ दूसरों की तरह पक्के मकान में अच्छी जिंदगी बसर करेंगे। आखिरकार उनका मौका आया और वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से उनके मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपए की स्वीकृति मिली। स्वीकृति के बाद पहली किस्त मिली और काम शुरू कराया, अपना घर बनने का जो सपना देखा वह साकार होता जब नजर आया तो पूरी ऊर्जा के साथ पूरे परिवार ने मिलकर काम किया। धीरे-धीरे बैंक में किस्त की राशि आती गई और मकान या यूं कहें कि जीवन की सबसे बड़ी जरूरत पूरी हो गई। मकान जब बनकर तैयार हुआ तो उस कच्चे मकान में जो बारिश की टपकती बूंद थी उससे छुटकारा मिल गया और भविष्य की अच्छी योजनाओं को बनाने का ख्याल आने लगा। अब वह बिना डर के अपने पक्के मकान में परिवार और बच्चों के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं। सेवकराम कहते हैं कि उनका स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय, महात्मा गांधी नरेगा से 90 दिवस मजदूरी प्राप्त हुई। इन सभी योजनाओं को धन्यवाद देते हुए कहते है कि योजनाओं ने मकान नहीं बल्कि परिपूर्ण आवास बनाकर दिया, जिससे अब पूरा परिवार बेहतर जिंदगी बसर कर पा रहा है।

 

 

 

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