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पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया है. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.शरद यादव गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे और लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था.
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शरद यादव के निधन पर शोक जताया है. ट्वीट में पीएम ने लिखा, शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया. वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.
शरद यादव 2003 में जनता दल बनने के बाद से लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. वह सात बार लोकसभा सांसद भी रहे. पिछले कुछ वक्त से वह सक्रिय राजनीति में नजर नहीं आ रहे थे. शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार लोक सभा का प्रतिनिधित्व किया. दो बार वह मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए. एक बार उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा पहुंचे. शरद यादव शायद भारत के पहले ऐसे राजनेता थे जो तीन राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार से लोकसभा के लिए चुने गए थे. शरद यादव भारतीय राजनीति के पुरोधा माने जाते हैं. वह इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे.
शरद यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक थे. लेकिन उनकी पार्टी ने जब गठबंधन से राहें जुदा कर लीं तो उन्होंने संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया था. राजनीतिक गठजोड़ के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले शरद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक गुरु माना जाता था. 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गांव में जन्मे शरद यादव ने भारत सरकार में कई अहम पद संभाले हैं. उनके पिता का नाम नंद किशोर यादव और सुमित्रा यादव था. उन्होंने जबलपुर के रॉबर्टसन कॉलेज से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. उनका ज्यादातर राजनीतिक करियर बिहार में रहा. उनकी शादी 15 फरवरी 1989 में रेखा यादव से हुई थी. उनके एक बेटा और एक बेटी है.
कब कौन सा पद संभाला
1986 में शरद यादव राज्यसभा के लिए चुने गए.
1989-90 तक उन्होंने केंद्र में कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का कार्यभार संभाला.
1997 में वे जनता दल के अध्यक्ष चुने गए.
13 अक्टूबर 1999- 31 अगस्त 2001 तक वे नागरिक उड्डयन मंत्री रहे.
1 सितंबर 2001 से 30 जून 2002 तक श्रम मंत्री रहे.
1 जुलाई 2002 से 15 मई 2004 तक उपभोक्ता मामलों के मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रहे.
31 अगस्त 2009 में शहरी विकास समिति के अध्यक्ष बने.
साल 2014 में वे राज्य सभा के लिए चुने गए.