raipur@khabarwala.news
जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की सीमा पर स्थित ग्राम मांझा टोली में कल कार्तिक उरांव शक्ति निकेतन आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर राष्ट्रीय बैठक आयोजित की गई ।बैठक को सम्बोधित करते हुए निर्माण समिति के अध्यक्ष एवम पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने विश्वविद्यालय स्थापना का इतिहास बताते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का सपना पँखराज साहेब कार्तिक उरांव ने बरसों पूर्व देखा था ,देश के आदिवासी वर्ग में सबसे अधिक डिग्री लेने का रिकार्ड उनके नाम है ।उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 में कार्तिक बाबू ने देश के 15 हजार लोगों का सम्मेलन दिल्ली के लाल कटोरा स्टेडियम में आयोजित किया था ,जिसमें देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी सहित कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह, अरविंद नेताम आदि उपस्थित थे जिसमें पहली बार उन्होंने विश्वविद्यालय का डी पी आर प्रधानमंत्री को सौंपा था ।किंतु उस पर आगे कोई पहल नहीं हुई और कार्तिक बाबू का देहांत हो गया ।उंसके बाद से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी ,किन्तु 30 सितंबर 2010 को पुनः इस विषय पर इसी स्थल में बैठक आयोजित हुई और तब से यह कारंवा चल रहा है ।वर्ष 2018 में इसी स्थल पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों रघुवरदास और रमन सिंह का समागम हुआ था और विश्वविद्यालय निर्माण पर चर्चा शुरू हुई थी कि कोविड 19 के कारण यह विषय फिर से ठंडे बस्ते में चला गया था ,लेकिन अब पूरी ताकत के साथ इस संकल्प को पूरा करने हेतु चार राज्य के प्रतिनिधि बैठे हैं और नई समिति का निर्माण कर इस योजना को सफल बनाने हेतु जुट गए हैं ।उन्होंने कहा कि 23,24,25 फरवरी 2023 को भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को कार्तिक जतरा हेतु आंमत्रित किया गया है और इस हेतु नई कार्यकारिणी एवम आयोजन समिति का गठन किया गया है ।
विश्वविद्यालय निर्माण समिति के संरक्षक जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत,पदम् श्री अशोक भगत एवम लक्ष्मण उरांव का नाम घोषित किया गया तथा अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ,उपाध्यक्ष रामप्रकाश पाण्डेय जशपुर एवम पुनित लाल नवागढ़ सहित उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के दो सदस्यों को चुना गया ।
निर्माण समिति में जशपुर से दिलमन मिंज अधिवक्ता उच्च न्यायालय बिलासपुर को महामंत्री ,नयु राम सन्ना को सह कोषाध्यक्ष एवम समिति के सदस्य राधेश्वर प्रधान, कृष्णा राम ,रामदयाल मांझी ,उमेश प्रधान, विनोद भगत, सरोज भगत का चयन किया गया ।