कलेक्टर डॉ मित्तल ने जिले में कुपोषण स्तर में कमी लाने हेतु सरपंच सचिवों की ली बैठक…

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कुपोषण स्तर में कमी लाने हेतु सभी को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने की आवश्यकता-कलेक्टर

कुपोषित बच्चों को प्राथमिकता से पूरक पोषण आहार, रेडी टू ईट, गर्म भोजन प्रदान करने के दिए निर्देश

कुपोषण स्तर में गिरावट लाने हेतु उल्लेखनीय कार्य करने वाली बड़ाबनाई की सरपंच को किया सम्मानित

जशपुरनगर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभागार में जिले में कुपोषण स्तर में कमी लाने हेतु सरपंच, सचिवों की बैठक आयोजित हुई। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री अरुण पांडेय सहित जिले के अधिक कुपोषण वाले पंचायतों के सरपंच-सचिव एवं विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

बैठक में कलेक्टर डॉ. मित्तल ने बारी-बारी से सभी पंचायतों में कुपोषण स्तर की जानकारी लेते हुए कुपोषण स्तर में कमी लाने एवं सभी कुपोषित बच्चों को कुपोषण चक्र से बाहर लाने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी कर्मचारियों को गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य जिले को कुपोषण मुक्त बनाना है। इस कार्य में सभी की सहभागिता आवश्यक है। कुपोषण जैसी समस्या का समाधान हम सभी के सामूहिक प्रयास से ही होगा। इस हेतु सभी को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी को लक्ष्य निर्धारित कर इस क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने सभी सरपंच-सचिवों को गंभीर कुपोषित बच्चों के पालकों से गृह भेंट कर उन्हें पोषण आहार की जानकारी देने एवं बच्चों को नियमित आंगनबाड़ी केंद्र भेजने हेतु प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार, रेडी टू ईट, गर्म भोजन, अंडा प्रदान करने के लिए कहा। साथ ही उनके आहार में स्थानीय सब्जियां, मौसमी फल प्राथमिकता से शामिल कराने की बात कही। गर्भवती माताओं का समय पर टीकाकरण के साथ ही उनका नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे बच्चों के घरों में पोषण वाटिका विकसित करने के लिए कहा।

कलेक्टर ने विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को जागरूक करने हेतु जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में समाज प्रमुखों की बैठक लेकर उन्हें जागरूक करने के निर्देश दिए साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें पोषण आहार, फल सहित अन्य सामग्री प्रदान करने के लिए कहा। जिससे वे शीघ्र ही कुपोषण चक्र से बाहर आ सकें।

कलेक्टर ने सभी पंचायतों में नियमित रूप से ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक लेकर समय-समय पर सुपोषण चौपाल कार्यशाला आयोजित करने के लिए कहा। जिसमें बच्चों के पालकों में जागरूकता लाने का कार्य किया जा सके। उन्होंने मनरेगा के माध्यम से सभी पंचायतों में अधिक से अधिक कार्य स्वीकृत करने के लिए कहा। जिससे पिछड़े परिवार के लोगों को नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।

कलेक्टर ने बैठक में सभी सरपंच-सचिवों से योजनाओं के क्रियान्वयन में जमीनी स्तर पर आने वाली समस्याओं पर चर्चा कर निवारण हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर ने जशपुर विकासखण्ड के बड़ाबनई पंचायत की सरपंच श्रीमती करमी बाई को अपने पंचायत में कुपोषण स्तर में कमी लाने हेतु किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। साथ ही गम्हरिया पंचायत के सरपंच के कार्याे की सराहना की। उन्होंने कुपोषण स्तर में गिरावट हेतु अच्छे कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी कर्मचारियों को इसी प्रकार सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाने की बात कही।

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