एनीमिया मुक्त भारत के लिए देशभर के विशेषज्ञों ने किया मंथन…

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एनीमिया मुक्त भारत के लिए देशभर के विशेषज्ञों ने किया मंथन…

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-छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व श्रीसत्यसाईं संजीवनी अस्पताल ने किया

– महिलाओं एवं किशोरियों में खून की कमीं के लिए किए जा रहे कार्यों को राष्ट्रीय मंच पर किया गया प्रस्तुत

रायपुर, 28 दिसंबर 2022 : एनीमिया मुक्त भारत अभियान के लिए राज्य स्तर पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य कार्यक्रम है। इसी कड़ी में दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व श्री सत्यसाईं संजीवनी अस्पताल ने किया। कार्य़शाला में संस्थान की ओर से महिलाओं एवं किशोरियों में रक्तअल्पता (खून की कमीं) के नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों को मुख्य रूप से प्रस्तुत किया गया।

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साथ ही इस कार्य में आने वाली चुनौतियों एवं पहल को विस्तार पूर्वक बताया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ की स्थिति को बखूबी दर्शाया गया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए संस्थान की जनस्वास्थय विभागाध्यक्ष डॉ. श्रुति प्रभु ने बताया: “एनीमिया मुक्त भारत देश में एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य कार्यक्रम है। इसमें समुदाय के 6 वर्गों के लिए 6 रणनीतियाँ शामिल हैं। एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार एनएफएचएस-4 के आंकड़ों की तुलना में बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के प्रसार में वृद्धि हुई है। सरकार का देश भर में एनीमिया की पहचान और उपचार पर विशेष ध्यान है। इसे लेकर ही विगत दिनों एम्स दिल्ली में C2IQ की थीम के साथ एक महत्वपूर्ण परामर्श बैठक सह कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर राज्य स्तरीय स्थिति को दर्शाया।“ उन्होंने आगे बताया: “प्रदेश स्तर पर एनीमिया मुक्ति के लिए विशेष रूप से सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। संस्थान की ओर से भी किशोरियों एवं महिलाओं में एनीमिया रक्तअल्पता (खून की कमीं) की समस्याओं के निदान पर विशेष जोर दिया जाता है। संस्थान की ओर से समय-समय पर महिलाओं और किशोरियों की रक्त जांच कर एनीमिया का पता लगाया जाता है। लगभग 3,000 महिलाओं एवं 28,000 से अधिक बच्चों की स्वास्थ्य जांच हुई है। संस्थान द्वारा जो भी महिलाएं या किशोरियां एनीमिक होती हैं या रक्तअल्पता (खून की कमीं) की शिकार होती हैं, उन्हें विशेष चिकित्सकीय परामर्श भी प्रदान किया जाता है।“

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 06 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष आयु की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त कराने के लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 2019 से जन सहयोग एवं जनभागीदारी से प्रारंभ किया गया था जिसे अब मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को नाम से संचालित किया जा रहा है।

2018 से शुरू हुआ एनीमिया मुक्त भारत अभियान- बच्चों किशोरों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं में एनीमिया की समस्या को कम करने के उद्देश्य से 2018 में एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) कार्यक्रम शुरू किया गया। एएमबी कार्यक्रम की प्रभावी रिपोर्टिंग और इसके साथ स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के एकीकरण पर जोर दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कार्यक्रम के मुख्य सूचकों में सुधार हो रहा है।

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