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रायपुर : चीन से आ रहीं कोरोना संक्रमण की भयावह तस्वीरों के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत सरकार से चीन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि चीन में ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BF.7 तेजी से फैल रहा है.
वहां, रिकॉर्ड मामले भी सामने आ रहे हैं.
दुर्ग जिले के अपने पाटन विधानसभा के जमराव ग्राम में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों से भारत सरकार को सबसे पहले चीन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगानी चाहिए. वहां से आने वाले लोगों को क्वारंटीन करना चाहिए. तभी सभी भारतीय और खास तौर पर छत्तीसगढ़ के लोगों का कोरोना से बचाव होगा.
बता दें कि कोरोना के जिस नए BF.7 वैरिएंट ने चीन में कोविड को इतनी तेजी से फैलाया है, उसके 5 केस भारत में भी मिल गए हैं. इनमें से 3 केस गुजरात तो 2 मामले ओडिशा में सामने आए हैं.
कितना खतरनाक है BF.7 वैरिएंट?
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि BF.7 ओमिक्रॉन का ही एक सबवैरिएंट है. बड़ी बात ये है कि इस वैरिएंट में इम्युनिटी को चकमा देने की ताकत है. इसी वजह से अगर किसी को पहले कोरोना हुआ भी हो, वो फिर इस वैरिएंट से संक्रमित हो सकता है. वैक्सीन लेने के बाद भी शख्स इस वैरिएंट की चपेट में आ सकता है, लेकिन केस की गंभीरता कम रहेगी.
एक बार फिर कोरोना को लेकर बढ़ती सतर्कता के बीच अब इस बात पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या भारत की जनता को कोरोना वैक्सीन के चौथे डोज की जरूरत है? कोरोना वैक्सीन का चौथा डोज लगवाने की जरूरत है या नहीं? इस सवाल को लेकर फैल रहे भ्रम के बीच आजतक ने AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया से इस बारे में बात की. उन्होंने वैक्सीन का तीसरा डोज लेने पर काफी जोर दिया.
चौथे डोज के सवाल पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ऐसा कोई डेटा अब तक नहीं आया है, जो चौथे डोज की जरूरत पर जोर देता हो. यानी फिलहाल चौथा डोज लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इसकी जरूरत तब तक नहीं है, जब तक की कोई विशेष प्रकार का बाइवेलेंट टीका (Bivalent vaccines) नहीं आ जाता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस समय केवल उन लोगों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर है. पब्लिक हेल्थ (PHFI) के संस्थापक (पूर्व) अध्यक्ष और प्रतिष्ठित प्रोफेसर श्रीनाथ रेड्डी के मुताबिक इस समय सभी पर फोकस करने की जरूरत नहीं है. वर्तमान में केवल उन लोगों ने ध्यान देना चाहिए, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है.