रायपुर रेलवे स्टेशन परिसर बनता जा रहा गांजा व शराब तस्करों का अड्डा , छग होकर 17 राज्यों में पहुंच रहा ओडिशा का गांजा

– www.khabarwala.news

schedule
2022-12-19 | 08:24h
update
2022-12-19 | 08:24h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
रायपुर रेलवे स्टेशन परिसर बनता जा रहा गांजा व शराब तस्करों का अड्डा , छग होकर 17 राज्यों में पहुंच रहा ओडिशा का गांजा …

raipur@khabarwala.news

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर रेलवे स्टेशन परिसर गांजा व शराब तस्करों का अड्डा बनता जा रहा है। दरअसल ट्रेनों के जरिए अवैध गांजा, शराब आदि की तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। रेलवे सुरक्षा बल लगातार कार्रवाई भी कर रहा है। बावजूद इसके तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। स्टेशन परिसर में ही कई तस्कर गांजा, शराब की खेप ले जाने ट्रेन का इंतजार करते हत्थे चढ़े हैं। पिछले तीन महीने के भीतर ही जीआरपी और आरपीएफ ने मिलकर बीस से अधिक ऐसे मामलों में कार्रवाई कर लाखों का गांजा व शराब बरामद करने के साथ ही मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश,दिल्ली,ओडिशा के तस्करों को दबोचने में सफलता प्राप्त की है।

छत्तीसगढ़ में हर साल गांजा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। जानकारों की माने तो ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए देशभर में गांजा तस्करी की जा रही है। प्रदेश से कटा हुआ मलकानगिरी की पहाड़ी का हिस्सा ओडिशा में आता है। इस पहाड़ी से छत्तीसगढ़, ओडिशा व आंध्रप्रदेश की सीमा जुड़ी हुई है।यहीं से गांजे की खरीदी कर ट्रेनों के जरिए दूसरे राज्यों,शहरों में आपूर्ति की जा रही है।पुलिस अधिकारी भी स्वीकार करते है कि ओडि़शा से हो रही गांजे की तस्करी का दस प्रतिशत हिस्सा ही पकड़ा जाता है,शेष की भनक तक नहीं लग पाती।

Advertisement

छह सौ करोड़ के गांजे की तस्करी जीआरपी और पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि ओडिशा और आंध्रप्रदेश से हर साल 600 करोड़ से अधिक का गांजा देश के करीब 20 राज्यों में तस्करी कर पहुंचाया जाता है। इन राज्यों में गांजा आपूर्ति का मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है। इन्हीं तीन जिलों के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप अलग-अलग राज्यों में लेकर जाते हैं। सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव,हिमाचल प्रदेश, आंधप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में भेजा जाता है।करोड़ों रुपए के इस कारोबार में बड़े-बड़े तस्कर जुड़े हुए है,जो कूरियर ब्वाय के जरिए गांजा मंगवाते है।

इन राज्यों में ज्यादा सप्लाई सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, आंधप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता है। करोड़ों रुपए के इस नशे के कारोबार में कोई एक व्यक्ति या गैंग नहीं, बल्कि ओडिशा और आंध्र के कई गांव के गांव शामिल हैं। गांजे की खेती से लेकर देशभर के अलग-अलग राज्यों के तस्करों तक गांजा पहुंचाने के लिए यहां के लोग बाहर नहीं जाते हैं, बल्कि गांव में ही रहकर पूरे काम को संचालित करते हैं। बाकी राज्यों से तस्कर इन लोगों से संपर्क करते हैं और फिर खेप लेने के लिए खुद या किसी बिचौलिए को लेकर पहुंचते हैं। तस्करों में ओडिशा के गांजे की सर्वाधिक मांग

तस्करों में ओडिशा के गांजे की सर्वाधिक मांग गांजे की खेती गांजा ऊपर पहाडिय़ों पर होता है। ओडिशा के कंधमाल, कालाहांडी, गंजाम, भवानीपटना, मुन्नीमुड़ा, नवरंगपुर, कोरापुट जिले के व्यापारीगुड़ा, आंध्र-ओडिशा बॉर्डर और आंध्र ओडि़शा बार्डर और मलकानगिरी में होती है। इसके बाद बढ़ती मांग को देखते हुए अब ओडिशा के ही नवरंगपुर जिले में इसकी खेती की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही कंधमाल, कालाहांडी, गंजाम, भवानीपट्नम, मुन्नीमुड़ा, में भी खेती शुरू हो गई। गांजे में मोल्टी के साथ सामिली, तामिली, चिंगलपोली, पिरामल जैसी वैरायटी उगाई जाती है।

हर साल 600 करोड़ का कारोबार ओडिशा के इन इलाकों से ही हर साल 600 करोड़ रुपए से अधिक का गांजा देशभर में जा रहा है। एक बोरी में 20 किलो गांजा भरा जाता है। इसे नीचे लाने के लिए एक युवक को 4 हजार रुपए दिए जाते हैं। पहाड़ी से नीचे आने के लिए करीब 25 किमी का पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ता है। एक बार में 15 से 20 युवकों की टोली निकलती है। ये सारा काम रात के अंधेरे में होता है। नशे के लिए देश में गांजा दूसरे नंबर की पसंद इधर, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट (एनडीटीटी) एम्स की रिपोर्ट के अनुसार देश में जितनी आबादी नशा करती है उनमें नशे के लिए उपयोग में लाये जाने वाले नशीले पदार्थ में शराब नंबर वन पर है तो गांजा दूसरे नंबर पर है। एनडीटीटी की मानें तो देश की करीब 20 प्रतिशत आबादी अलग-अलग प्रकार का नशा करती है।

 

 

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
24.08.2024 - 09:16:22
Privacy-Data & cookie usage: