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– अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे मरीजों के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट बनीं वरदान
– 13.8 लाख से अधिक लोगों ने निःशुल्क सेवा का लिया लाभ
रायपुर, 17 दिसंबर, 2022, किसी कारणवश अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे लोगों को अब उनके घर के नजदीक ही इलाज की सुविधा उपलब्ध हो रही है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के जरिए हर उम्र के लोगों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। शहरी स्लम बस्तियों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के चिकित्सा दल पहुंचकर जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध करवा रहे हैं। 2 अक्टूबर 2020 से 30 नवंबर 2022 तक देखें तो मोबाइल मेडिकल यूनिट से 13.8 लाख से अधिक लोगों ने इस सेवा का लाभ निःशुल्क लिया है।
छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा से वंचित एक बड़े वर्ग को उनके घरों तक पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इस जन कल्याणकारी योजना के जरिए लाखों लोगों का इलाज जहां मुफ्त में हो रहा है, वहीं बिना किसी झंझट छोटी बीमारियों का इलाज कराने के लिए लोगों को अस्पताल के चक्कर भी काटने नहीं पड़ रहे हैं। शहरी स्लम क्षेत्रों के ऐसे गरीब जो अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं उनको उनके घर पर ही चिकित्सकों के जरिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहन के जरिए जरूरतमंदों का इलाज किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रीराम टेक्नो मैनेजमेंट सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (Sairam techno management solutions pvt.ltd) मोबाइल मेडिकल यूनिट की छत्तीसगढ़ की प्रमुख प्रियंका द्विवेदी ने बताया: “छत्तीसगढ़ सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत दो कंपनियां लोगों को सेवाएं दे रही हैं।
श्रीराम टेक्नो मैनेजमेंट कंपनी ने 2 अक्टूबर 2020 को 4 मोबाइल मेडिकल यूनिट से राजनांदगांव में सेवा शुरू की थी। वहीं इसके बाद 21 और मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) शुरू हुआ। इस तरह अब 46 मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिए राज्य के 10 जिलों के लोगों की सेवा की जा रही है। योजना के तहत अक्टूबर 2020 से नवंबर 2022 तक लें तो 13.8 लाख लोगों ने सेवा का लाभ लिया है। वहीं 4,87,682 लोगों ने विभिन्न तरह की पैथोलॉजी जांच भी निःशुल्क कराया है। इसमें कुल 41 तरह की जांच भी की जा रही है, जिसमें थायराइड, विटामिन डी, शूगर, विटामिन 12, यूरीन कल्चर जैसी महंगी जांच भी शामिल है। साथ ही साथ ब्रांडेड दवाएं भी लोगों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। “
घर के के नजदीक ही मिली इलाज सुविधा – बिरगांव की रहने वाली 30 वर्षीय सुकुमारी ने बताया: “मेरे चार साल के बेटे को कई दिनों से पेट में हल्का दर्द और बुखार की शिकायत थी, किसी ना किसी कारण से मैं अस्पताल नहीं जा पा रही थी। ऐसे में मोबाइल मेडिकल यूनिट जब घर के करीब आई तो मैंने भी वहां अपनीसमस्या बताई। चिकित्सक दल ने मेरे बेटे के खून और पेशाब का सैंपल लिया। जांच रिपोर्ट दूसरे दिन मिली, जिसमें कोई परेशानी नहीं थी। मेर बेटे को दवाएं दी गई। उपचार के उपरांत अब मेरा बेटा स्वस्थ है।“ बिलासपुर निवासी 26 वर्षीय संतोष को भी काफी दिनों से खांसी , बुखार और हाथ और पैरों में दर्द की शिकायत थी। संतोष ने बताया: “ मैं किराना स्टोर चलाता हूं। भागदौड़ की वजह से अस्पताल ना जाकर ही मैं नजदीक के मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर खा रहा था। मेरी दुकान के समीप ही मोबाइल मेडिकल यूनिट आई तो मैंने भी चिकित्सकीय परामर्श लिया। बहुत अच्छी सुविधा है, मुझे भी चिकित्सक से परामर्श लेकर अच्छा लगा। मैं अब उनके द्वारा बताए गए सुझावों के अनुसार ही कार्य करता हूं।“
योजना की शुरूआत- ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’ के प्रथम चरण की शुरूआत एक नवंबर 2020 को हुई। राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहन घर पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। उल्लेखनीय है सरकार की योजना के तहत 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहन दो भिन्न कंपनियों के जरिए लोगों को घर तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है।