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झानू नागेश/धमतरी: ओबीसी संयोजन समिति छ.ग. ने राज्य मंत्रिमंडल द्वारा विभिन्न वर्गो के लिये आरक्षण के प्रावधानों के मसौदे के साथ साथ पिछड़े वर्गों को पूर्व निर्धारित 27 % देने की मंजूरी का स्वागत करते हुए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है, विदित हो कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने प्रदेश में आदिम जाति को 32%, अनूसूचित जाति को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% देने वाली विधेयक को स्वीकार कर लिया है, राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए ओ.बी.सी. संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% देने की फैसले पर प्रदेश की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में ओ.बी.सी. संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा चलाई जा रही ओबीसी जागरूकता अभियान का परिणाम है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को पूर्व प्रावधानित 27% देने का फैसला लिया गया है जो 20 नवंबर 2022 को आयोजित पिछड़े वर्गों के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव का सम्मान है। पिछड़े वर्गों के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव की प्रमुख मांगों में से एक पूर्व प्रावधानित 27 % प्रतिनिधित्व पिछड़े वर्गों को देने वाली विधेयक को कानूनी मान्यता देकर भूपेश सरकार ने ओबीसी की उत्थान और कल्याण के कार्य को दिशा देने का काम किया है जिससे पिछड़ा वर्ग के अधिकार आंदोलन के लिए संघर्षरत ओबीसी के योद्धाओं में नई ऊर्जा का संचार होगा और ओबीसी समाज को सभी सार्वजानिक एवम निजी क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात हिस्सेदारी दिलाने के मिल का पत्थर साबित होगा लेकिन ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा जारी आजादी की दूसरी संघर्ष ओबीसी जन जागरण महा अभियान तब तक चलता रहेगा जब तक ओबीसी समाज को जनसंख्या के अनुपात में सभी क्षेत्रों में चाहे वह न्यायपालिका विधायिका कार्यपालिका मीडिया व्यापार उद्योग शिक्षा नौकरी पदोन्नति व सभी निजी व सार्वजनिक क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में समान हिस्सेदारी ना मिल जाए इसके लिए हम हर कुर्बानी देने को तैयार हैं|*
*राष्ट्रीय प्रचारक ओबीसी टिकेश्वर साहू ने बताया कि ओबीसी समाज के अन्तर्गत आने वाली जातियों के 60 % लोगो को देश के सभी संसाधनों पर जनसंख्या के अनुपात में समान हिस्सेदारी दिलाने उन्हें एक झंडे के नीचे संगठित करने के लिए अब तक 170 से अधिक प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन किया है, आज संगठन में 2000 से अधिक प्रशिक्षित साथी अपना समय संसाधन और हुनर देकर ओबीसी समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं इसी का परिणाम है कि राज्य सरकार को ओबीसी के उत्थान और सामाजिक न्याय के लिए 27% देने की जरूरत पड़ी जो 20 नवंबर 2022 को संपन्न हुए पिछड़े वर्गों की राष्ट्रीय अधिवेशन की सफलता का परिणाम है।*
*संरक्षक नारायण लाल एव प्रदेशसंगठन प्रभारी नीरज कुमार ने कहा कि ओबीसी संयोजन समिति छ. ग. (रजि) राज्य सरकार को ओबीसी समाज को 27% देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद प्रेषित करती है और आशा ही करती है कि जिस तरीके से उन्होंने पिछड़े वर्गों को 27% देने की बात रखी है उसे उतनी ही स्फूर्ति के साथ लागू भी करेगी। ओबीसी संयोजन समिति ने मांग किया है कि ओबीसी सुरक्षा अधिनियम, मंडल कमीशन की सभी सिफारिशों को लागू करने सहित नीतीश स्टैंड पर जातिवार जनगणना एवं पिछड़े वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में समान हिस्सेदारी देकर ही भारत के नव निर्माण की संकल्पना को पूरा किया जा सकेगा ।