आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से अब किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी और ब्रेन एंजियोग्राफी भी…

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आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से अब किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी और ब्रेन एंजियोग्राफी भी…

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रायपुर. 2 नवम्बर 2022 :आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अब किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी और ब्रेन एंजियोग्राफी भी हो सकेगी। हृदय रोग, रीढ़ की जटिल सर्जरी व रक्त विकारों से संबंधित नए पैकेजों के साथ ही कई हाई-एंड दवाईयों को भी इसमें शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में इलाज के लिए सामान्य बेड, एचडीयू और आईसीयू बेड्स की दरों में बढ़ोतरी की गई है। राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने इलाज के पैकेजों की दर संशोधित करने और नए पैकेजों को शामिल करने समय-समय पर नेशनल हेल्थ एजेंसी को प्रस्ताव भेजे थे। करीब 800 पैकेजों की दरों में संशोधन किया गया है। योजना में नए पैकेजों और हाई-एंड दवाईयों को शामिल किए जाने तथा पुराने पैकेजों की दरों में बढ़ोतरी से योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पताल मरीजों को ज्यादा चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। इससे मरीजों को अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के इलाज के दौरान खुद का पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा।  

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डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत इलाज का दायरा बढ़ाते हुए क्रोनिक रीनल फेल्योर (Chronic Renal Failure) के रोगियों के लिए की जाने वाली कंटिन्युअस एम्बुलेटरी पेरिटोनियल डायलिसिस (CAPD – Continuous Ambulatory Peritoneal Dialysis) का नया पैकेज जोड़ा गया है। सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित इस पैकेज के तहत शासकीय चिकित्सालयों या निजी क्षेत्र के नेफ्रोलॉजिस्ट कैथेटर इन्सर्जन (Catheter Insertion) के लिए मरीज को रायपुर स्थित डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल या एम्स (AIIMS) रिफर कर सकते हैं। मरीज चिन्हांकित शासकीय चिकित्सालयों से महीने भर के लिए सीएपीडी बैग प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मिलकर यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे। एक महीने के सीएपीडी बैग के लिए 22 हजार रूपए का पैकेज निर्धारित किया गया है।

 

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में शासकीय और पंजीकृत निजी अस्पतालों में इम्युनोसप्रेसिव उपचार (Immunosuppressive Treatment) सहित रेनल/किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी (Renal/Kidney Transplant Surgery) को भी शामिल किया गया है। इस पैकेज के अंतर्गत मरीजों को डोनर नेफ्रेक्टोमी (Donor Nephrectomy) और ट्रांसप्लांट सर्जरी के साथ ही ट्रांसप्लांट के बाद एक साल तक ली जाने वाली जरूरी दवाएं मुहैया कराई जाएंगी। हाई-एंड दवाएं जैसे इम्युनोग्लोबुलिन फॉर गुइलेन बरे सिंड्रोम (Immunoglobulin for Guillain Barre Syndrome), कावासाकी (Kawasaki), एल्ब्यूमिन फॉर बर्न्स (Albumin for Burns), नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome) या अन्य सूचीबद्ध हाइपोप्रोटीनेमिया (Hypoproteinemia) को भी योजना में शामिल किया गया है। क्रोनिक रीनल फेल्योर के मरीजों में विफल एवी फिस्टुला (failed AV fistula) की स्थिति में डायलिसिस के लिए जरूरी प्रोसिजर टनल्ड कैथेटर (Tunnelled Catheter) को भी योजना के पैकेज में शामिल किया गया है। इनके साथ ही डीएसए (ब्रेन एंजियोग्राफी), हृदय रोग, रीढ़ की जटिल सर्जरी और कुछ रक्त विकारों के इलाज को भी योजना के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले इलाजों में शामिल किया गया है।

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालो द्वारा लंबे समय से जनरल मेडिसीन और पीडियाट्रिक्स में उपचार की दरों को बढ़ाए जाने की मांग की जा रही थी। इसे दृष्टिगत रखते हुए अलग-अलग श्रेणियों में अस्पताल बेड्स की दरों में बढ़ोतरी की गई है। सामान्य वार्डों में बेड की दर को 1500 रूपए प्रतिदिन से बढ़ाकर 2100 रूपए, एचडीयू में दो हजार रूपए से बढ़ाकर 3300 रूपए, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू में 2500 रूपए से बढ़ाकर 8500 रूपए और वेंटिलेटर सुविधा वाले आईसीयू में 4500 रूपए रोजाना की दर को बढ़ाकर नौ हजार रूपए किया गया है। राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने एक्युट (Acute) और क्रोनिक (Chronic) दोनों तरह की हीमोडायलिसिस (Haemodialysis) की दर में भी वृद्धि की है। इसकी दर को 1500 रूपए प्रति सत्र (Session) से बढ़ाकर 2200 रूपए किया गया है। इस पैकेज की दर में वृद्धि से मरीजों की समुचित जांच और उपयोगी इंजेक्शन एरिथ्रोपोइटिन (Erythropoietin) की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

 

योजना के तहत पैकेज की नई दरों के लागू होने, अलग से हाई-एंड दवाईयों और जांच (Diagnostics) को शामिल किए जाने से जनरल मेडिसीन के मरीजों को अब और बेहतर इलाज उपलब्ध होगा। राज्य शासन द्वारा पैकेज की नई दरों को लागू करने के साथ ही अस्पतालों में आईसीयू के संचालन के लिए एमबीबीएस डॉक्टर और पूर्णकालिक इन्टेन्सिविस्ट की अनिवार्यता के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा जिससे कि पात्र और योग्य चिकित्सकों द्वारा गंभीर मरीजों की देखभाल व इलाज की निःशुल्क सुविधा लोगों को मिल सके।

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