हीरक जयंती कार्यक्रम की रूपरेखा को दिया गया अंतिम रूप
एल्यूमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष अंजय शुक्ला की अध्यक्षता तथा डॉ कल्लोल घोष ( अध्यक्ष, गवर्निंग बॉडी) डॉ विकास पाठक (अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति) तथा डॉ अरुण दाबके (पद्मश्री ) विशेष रूप से मौजूद थे।
रायपुर। शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय रायपुर के 75 वर्ष पूर्ण होने के मौके पर, हीरक जयंती कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर रविवार की सुबह कॉलेज परिसर के ई-क्लासरूप में कॉलेज के भूतपूर्व व वर्तमान छात्रों की एक बैठक आहूत की गई। माननीय राष्ट्रपति, माननीय राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी को आमंत्रित किया गया है।
बैठक का संचालन करने हुए प्रो गिरीशकांत पांडे ने बताया कि हीरक जयंती के आयोजन की व्यापक रूप से तैयारी शुरू हो चुकी है। आयोजन को सफल बनाने के िलए अलग’अलग 18 समितियां बना दी गई है। कालेज मेें प्रथम तल पर कंट्रोल रूम भी स्थापित गया है। समितियों की बैठकें शुरू हो चुकी है। इस कार्यक्रम में देश की प्रथम महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को आमंत्रित किया गया है। मुंबई तथा स्थानीय स्तर के बड़े कलाकारों के भी कई कार्यक्रम होंगे। इस बैठक में डॉक्टर अरुण दाबके (पद्मश्री), अनुराग श्रीवास्तव(आई एफ एस), मकरंद भूत, गोपी देवांगन, शकील साजिद, नम्रता यदु, सोहन लाल सिंघानिया, डॉ सौम्या रघुवीर, डॉ वर्णिका शर्मा, डॉ दिनेश मिश्रा, प्रो प्रसन्न शर्मा, महेश शर्मा, संजय पाटिल, कांतिलाल जैन, गगेश द्विवेदी, प्रो धनाराम साहू, प्रोफेसर निनाद बोधनकर आदि ने अपने विचार तथा अनुभव को साझा किए । अंजय शुक्ला ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिए, कार्यक्रम का संचालन प्रो गिरीश कांत पांडेय द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम में काजी नूर, डॉ अरुणा शेट्ये, डॉ अरुणा राणा, डॉ रवि टेमरे, आकाश तिवारी, प्रमोद देशपांडे, अरविंद पांडेय, रघुराज सिंह, शिव शर्मा, राकेश शर्मा, एन के अग्निहोत्री, सुजीत पाल, मानवेंद्र सिंह, डॉ ऋषि जयसवाल, विनय वर्मा, आदि सहित बड़ी संख्या में पूर्व छात्र गण उपस्थित रहे।
10 हजार छात्रों को आमंत्रित करने का लक्ष्य
इस आयोजन में देश विदेश में रह रहे कॉलेज के करीब 10 हजार छात्रों का आमंत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। छात्रों के रजिस्ट्रेशन व हीरक जयंती के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए जल्द ही एक वेबसाइट लांच की जाएगी। वहीं सोशल मीडिया जैसे वॉट़सएप, फेसबुक इंस्टाग्राम, ट़वीटर आदि के इस्तेमाल करने का सुझाव भूतपूर्व छात्रों की ओर से आया। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी प्रकाशन किया जाएगा जिसमें शामिल होने वाले सभी पूर्व छात्रों की उपलिब्धयों को संग्रहित करने की तैयारी है।
डॉलर और दीनार में सहयोग मिलना शुरू
बैठक में शामिल होने पहुंचे कुछ विदेश में रह रहे छात्रों डॉलर और दीनार में सहयोग राशि प्रदान की। गौरतलब है कि सांइस कॉलेज से पढकर निकले छात्रों में बडी संख्या में छात्र विदेशों में उच्च पदों पर पदस्थ हैं। बैठक में शामिल होने पहुंचे मकरंद भूत ने 100 अमेरिकन डॉलर की सहयोग राशि प्रदान की तो वहीं संयुक्त अरब अमीरात से आए भूतपूर्व छात्र ने दीनार में सहयोग राशि प्रदान की। इस अवसर पर पूर्व छात्र शकील साजिद ने 11 हजार रुपए सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा की।