ज़िले में क़रीबन चार हज़ार पोषण बाड़ियाँ चयनित…

www.khabarwala.news

schedule
2022-10-08 | 10:52h
update
2022-10-08 | 10:52h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
ज़िले में क़रीबन चार हज़ार पोषण बाड़ियाँ चयनित…

raipur@khabarwala.news

महासमुंद 8 अक्टूबर 2022 : अपनी बाड़ी की ताजी साग सब्जियों का मजा ही अलग है। कुपोषणता को दूर करने के साथ परिवार की अतिरिक्त आमदनी बढ़ाने में यह लाभदायक हो रही है। महासमुंद ज़िले में पोषण बाड़ी योजना के तहत ज़िले में पिछले वर्ष 3922 पोषण बाड़ियों को चिन्हित कर योजना का क्रियान्वयन किया गया है। इनमें महासमुंद सहित विकासखंड बागबाहरा और सरायपाली में 785-785 पोषण बाड़ी का चयन किया गया। वही पिथौरा ब्लॉक में 783 तथा बसना में 784 पोषण बाड़ियाँ चयनित की गई। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण करने घर के समीप उपलब्ध भूमि पर फल, सब्जी एवं पुष्प की खेती कृषकों द्वारा कराया जाना ही सुराजी गांव योजना अंतर्गत बाड़ी की परिकल्पना का मुख्य आधार हैं।

योजनान्तर्गत महिलाओं/महिला स्व-सहायता समूह को तथा ग्राम के गरीब तबके और कमजोर वर्गों के परिवारों को जिनके घर पर बाड़ी के लिए जगह हैं, किन्तु बाड़ी की गतिविधि नहीं कर रहे है। उन्हें इस योजना का लाभ दिये जाने हेतु महासमुंद ज़िले में पोषण बाड़ियों का चिन्हित कर योजना बनाई गयी। इन बाड़ियों में सब्ज़ी-भाजी के साथ लगभग 60 हज़ार फलदार पौधें भी रोपें जा रहे है। कृषि की दृष्टि के कम विकसित क्षेत्रों में नई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने और कृषि उत्पादन में वृद्धि के उपायों से जुड़े विभिन्न विषयों पर कृषि से जुड़े विभागों के ज़िला अधिकारियों द्वारा किसानों से चर्चा भी की जा रही है।

Advertisement

ज़िला उद्यानिकी द्वारा ख़रीफ़ सीजन को ध्यान रखते हुए चयनित ग्राम पंचायतों की पोषण बाड़ी योजना के तहत फलदार पौधें भी दिए जा रहे है। सब्ज़ी बीज मिनीकिट किसानों को दिए जा रहे है। इन बाड़ी से ग्रामीण परिवारों के अतिरिक्त आय में वृद्धि हो रही है। भूमिहिनों को रोजगार के अवसर मिल रहे तथा कृषक परिवार का भोजन संतुलित भी हो रहा है। “पोषण बाड़ी विकास योजना“ में स्थानीय विभिन्न प्रजातियों के पौधों को बढ़ावा देना भी शामिल हैं। जिसमें भाजी की स्थानीय प्रजातियों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा हैं। इसका प्रमुख कारण भाजियों में उपलब्ध पोषक तत्व हैं। भाजी के अधिकाधिक उपयोग से आयरन एवं आयोडीन की कमी को दूर किया जा सकेगा। सामान्य के साथ यह आदिवासी परिवारों का पर्यावरण से जुड़ते हुए आजीविका उपार्जन करने का सशक्त माध्यम यह योजना बन रही है। ग्रामीण परिवेश में आत्मनिर्माण लाने के लिए एवं कुपोषण मुक्ति में यह योजना कारगार साबित हो रही है।

स्व-उत्पादित फसल का उपयोग यह सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है। बाजारों या कही अन्य जगह से खरीदी गई सब्जियाँ महँगी होती हैं, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है कि किसान स्वयं की खाली पड़ी जमीन (बाड़ी) में सब्जियों की फसल उगाएँ और ताजे रूप में इसका सेवन करें। अतिरिक्त आय सब्जी की फसल बाड़ी में उगाकर, स्वयं के उपयोग के पश्चात किसान शेष उत्पाद का विक्रय स्थानीय बाजारों में कर रहे हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो रही है। ग्रामीण अब घर की बाड़ी से आत्मनिर्भर बन रहे है और अधिक आय अर्जित कर रहे। हरी-ताजी साग-सब्ज़ी उत्पादन के साथ फलदार ताजे-रसीले फलों से ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण में भी कमी लाने का सार्थक और सकारात्मक प्रयास भी है।

  सहायक संचालक उद्यानिकी श्री आर.एस. वर्मा की माने तो ज़िले में किसानों के घर के समीप 3922  बाड़ियाँ चयनित की गयी है। यहाँ स्थानीय जलवायु वातावरण पानी की उपलब्धता मिट्टी और मौसम के अनुरूप उन्नत किस्म की साग-सब्ज़ियों, फल लेने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इसमें अपेक्षित सफलता मिल रही है। किसानों को विभिन्न प्रजातियो के फलदार पौधों नीबू, आम, करोदा, अमरूद, मुनगा, पपीता और कटहल आदि का वितरण किया गया है।

बतादें कि पोषण बाड़ी योजना गोठान योजना का एक हिस्सा है। यह छत्तीसगढ़ सरकार की गोठान योजना का अंग है जो स्वयं नरवा, ग़रवा, घुरवा और बाड़ी  का अंश है। पोषण बाड़ी योजना छत्तीसगढ़ शासन के उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना बाड़ी विकास योजना से मिलती जुलती है। इस योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा किसानों को उनकी स्वंय की बाड़ी में सब्जी की फसल उगाने के लिये बीज प्रदाय की जाती है। यह बीज उन्हें निःशुल्क दी जाती है। बीज वितरण का कार्य ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों के द्वारा की जाती है जो उद्यान विभाग से संबंधित होते हैं।

इस योजना के तहत प्रति बाड़ी 1000 रुपए का प्रावधान है। इस राशि से किसान हितग्राहियों को ख़रीफ़ मौसम में फलदार पौधें, सब्ज़ी बीज और वर्मी खाद मुहैया कराया जाता है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि चालू मानसून शुरुआत से किसानों की माँग अनुसार आम व ग्राफ़्टेड आम के पौधों का वितरण किया जा रहा है। महासमुंद के नज़दीक बम्हनी स्थित पौध नर्सरी में आम के ग्राफ़्टेड पौधें एवं अन्य विभिन्न प्रजातियो के फलदार पौधें तैयार किए गए है। जिन्हें हितग्राहियों की माँग अनुसार उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है।

 

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
30.08.2024 - 09:06:41
Privacy-Data & cookie usage: