नवरात्रि का चौथा दिन आज, जानें मां कूष्मांडा की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग व रंग…

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मां कूष्मांडा का स्वरूप

मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में जपमाला है। मां सिंह का सवारी करती हैं।

नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ रंग-

नवरात्रि के चौथे दिन हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मां कूष्मांडा को हरा रंग अतिप्रिय है।

मां कूष्मांडा का भोग-

मां कूष्मांडा को भोग में मालपुआ चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि इस भोग को लगाने से मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं।

नवरात्रि के चौथे दिन के शुभ मुहूर्त-

 

ब्रह्म मुहूर्त- 04:37 ए एम से 05:25 ए एम।

अभिजित मुहूर्त- 11:47 ए एम से 12:35 पी एम।

विजय मुहूर्त-02:11 पी एम से 02:58 पी एम।

गोधूलि मुहूर्त- 05:58 पी एम से 06:22 पी एम।

अमृत काल- 08:39 पी एम से 10:13 पी एम।

निशिता मुहूर्त-11:47 पी एम से 12:36 ए एम, 30 सितम्बर।

सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:13 ए एम, सितम्बर 30 से 06:13 ए एम, 30 सितम्बर।

रवि योग- 06:13 ए एम से 05:13 ए एम, 30 सितम्बर।

 

मां कूष्मांडा पूजा विधि-

 

सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

इसके बाद मां कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें।

इसके बाद मां कूष्मांडा को हलवे और दही का भोग लगाएं। आप फिर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।

मां का अधिक से अधिक ध्यान करें।

पूजा के अंत में मां की आरती करें।

देवी कूष्मांडा मंत्र-

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

 

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