किसी भी जानवर के काटने पर हो सकता है ‘रेबीज’…

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किसी भी जानवर के काटने पर हो सकता है ‘रेबीज’…

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– घबराएं नहीं फौरन लें चिकित्सकीय परामर्श और लगवाएं एंटी रेबीज टीका

-स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार की व्यवस्था एवं एंटी रेबीज इंजेक्शन मौजूद

(विश्व रेबीज दिवस विशेष)

बिलासपुर/तखतपुर 27 सितंबर 2022, कुत्ते से ही नहीं किसी भी अन्य जानवरों के काटने से भी रेबीज बीमारी होने का खतरा हो सकता है। रेबीज का वायरस कई बार पालतू जानवर के चाटने या खून का जानवर के लार से सीधे संपर्क में आने से भी फैल जाता है। जागरूकता से ही रेबीज से बचाव संभव है। इसलिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से कुत्ते या किसी भी जानवर के काटने पर इधर-उधर इलाज के लिए जाने की बजाए फौरन नजदीकी अस्पताल में पहुंचने की अपील की है।

इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया: “शहर हो या ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्ते के काटने की घटनाएं अधिक देखने को मिलती हैं। जानवर के काटने से संक्रमण तेजी से फैलता है इसलिए मरीज को जल्दी से जल्दी निकट के अस्पताल लाने से वहां उनको एंटी रेबीज इंजेक्शन तत्काल लगाया जाता है और मरीज की देखभाल से उसकी जान बचाई जाती है। जन-जागरूकता से ही रेबीज से बचाव संभव है। जिले के सभी अस्पतालों, सीएचसी ( सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र), पीएचसी ( प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), जिला अस्पताल में आवश्यकतानुसार एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। इसलिए जानवर के काटने पर फौरन मरीज को नजदीकी अस्पताल लाने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है।“

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तखतपुर स्वास्थ्य केन्द्र के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील हंसराज के अनुसार: “कुत्ते या किसी भी जानवर का काटना घातक हो सकता है। कुत्ते से ही नहीं अन्य जानवरों के काटने से भी रेबीज होने का खतरा होता है। अधिकांश मामलों में यह देखने को मिलता है कि कुत्ते या अन्य जानवर के काटने के बाद लोग मरीज को पहले निकट के अस्पताल लाने की बजाए सुनी सुनाई बातों के अनुसार इलाज करना शुरू कर देते हैं। जब मरीज की हालत बहुत खराब हो जाती है तो उसे अस्पताल लाते हैं, जिससे उस मरीज को बचाना काफी मुश्किल हो जाता है। रेबीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही प्रतिवर्ष 28 सितंबर को ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाया जाता है। स्वास्थ्य केन्द्र में समय-समय पर लोगों को राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत रेबीज के बारे में जानकारी दी जाती है।“ आगे उन्होंने बताया: “सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अप्रैल 2022 से अगस्त 2022 तक 108 मामले रेबीज के आए हैं, जिनका उपचार किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र में एंटी रैबीज इंजेक्शन (कुत्ते के काटने पर लगाया जाने वाला) उपलब्ध हैं। इसी के साथ ही सांप के काटने पर दिए जाने वाले एंटी स्नैक वैनम इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।“

जागरूकता लाने को मनाया जाता है यह दिवस- ‘विश्व रेबीज दिवस’ रेबीज बीमारी की रोकथाम के बारे में जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष 28 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन रेबीज बीमारी की रोकथाम करने के लिए रेबीज का टीका विकसित करने वाले फ्रेंच रसायनज्ञ और सूक्ष्मजीवविज्ञानी, लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के रूप में भी जाना जाता है। लोगों को रेबीज से बचाव के प्रति जागरूक करना इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है।

रेबीज के लक्षण और उपचार- डॉ. रहंसराज के अनुसा रेबीज के लक्षण में मुख्य रूप से बुखार आना, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, निगलने में कठिनाई, अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना, नींद नही आना एवं लकवा मार जाना आदि शामिल है। अगर रेबीज से संक्रमित किसी भी जानवर जैसे कुत्ता, बंदर या बिल्ली आदि ने काट लिया तो तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार करवाना चाहिए। जानवर के काटे हुए स्थान को साबुन या एंटी बैक्टीरियल लोशन डेटॉल या सैवलॉन से साफ करना चाहिए। जल्द से जल्द एंटी रेबीज इ्ंजेक्शन लगवाने चाहिए। साथ ही पालतू जानवर को भी इंजेक्शन लगवाने चाहिए।

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