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नई दिल्ली: श्रद्धालु और भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना करते हैं. दो वर्षों के कोरोना काल के बाद इस बार राजधानी में बड़े पैमाने पर पहले की तरह दुर्गा पूजा के आयोजन हो रहे हैं. सड़कों और सामूहिक जगहों पर पंडाल और मां की प्रतिमा निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इस बार बाजार को भी दुर्गापूजा से काफी उम्मीदें हैं. पटना और आसपास के क्षेत्रों की बात करें, तो इस बार लगभग 3000 के लगभग पूजा पंडाल बनाये जा रहे हैं. इसमें प्रतिमा, पंडाल और लाइटिंग आदि में लगभग 125 करोड़ रुपये खर्च होंने की संभावना है. इससे बाजार को ‘शक्ति’ मिलेगी.
पंडालों पर 2.5 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक खर्च
शहर में स्थापित हो रहे पूजा पंडालों (मूर्ति और लाइटिंग सहित) को तीन वर्ग छोटे, मंझोले और बड़े में विभक्त किया जा सकता है. जानकारों की मानें तो शहर में छोटे पंडालों की संख्या 1600 के लगभग है और ऐसे एक पंडाल का खर्च 2.5 से तीन लाख लगभग है. इस हिसाब से 40 करोड़ की राशि खर्च होगी. मंझोले पंडालों की संख्या 1100 के लगभग और ऐसे एक पंडाल पर पांच लाख के लगभग का खर्च है. इस हिसाब से कुल मंझाेले पंडालों पर होने वाले खर्च लगभग 55 करोड़ होंगे.
शहर में बड़ेपंडालों की संख्या 300 के लगभग और ऐसे में एक पंडाल का खर्च 10 लाख के लगभग है. कुल बड़े पंडालों पर 30 करोड़ के लगभग की राशि खर्च होगी. अब सभी पंडालों के खर्च को जोड़ दिया जाये तो पंडालों पर होने खर्च 125 करोड़ के लगभग के होंगे.
25 फीसदी से अधिक महंगी हो गयी है सामग्री
मां दुर्गा को लेकर राजधानी और आसपास में तैयारी चरम पर है. कोरोना महामारी के बाद इस साल मूर्तिकारों में भी उत्साह है. राजधानी पटना में पश्चिम बंगाल और स्थानीय के कारीगरों द्वारा तैयार की जा रही मां दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, कार्तिक और सरस्वती की भव्य व दिव्य प्रतिमाएं विराजमान होंगी. महंगाई के कारण इस बार प्रतिमाओं के निर्माण में प्रयोग की जाने वाली सामग्री 25 फीसदी से अधिक महंगी हो गयी है जिसका असर मां दुर्गा की प्रतिमाओं पर भी पड़ा है. लागत बढ़ने के कारण इस साल प्रतिमाओं की न्योछावर भी महंगी हो गयी है. मूर्तिकार शंकर पंडित ने बताया कि मां दुर्गा सहित अन्य प्रतिमाओं का निर्माण कार्यपूरा कर लिया गया है.
अगले सप्ताह से रंग-रोगन का काम होगा
अगले सप्ताह से रंग-रोगन का काम होगा. यानी फाइनल टच दिया जायेगा. इस साल कच्चे सामान जैसे मिट्टी, लकड़ी और बांस के दाम बढ़ने के कारण मूर्तियों की लागत भी बढ़ गयी है. इस बार कोरोना संक्रमण कम होने से पूजा समिति के आयोजकों में उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन बजट कम हो गया है. मूर्तिकार राम पंडित ने बताया कि इस वर्ष निर्माण सामग्री महंगी होने से प्रतिमाओं की लागत भी बढ़ गयी है. हर प्रतिमापर लगभग 1500 से 2000 रुपये का अधिक खर्च आ रहा है. नालंदा टेंट हाउस के अनिल कुमार ने बताया कि पंडाल निर्माण सामग्री में भी 20 से 30 फीसदी कीमत में वृद्धि हुई है. साथ लेबर चार्ज और भाड़ा में भी बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से पंडाल निर्माण लागत में 25 से 50 हजार रुपये तक की वृद्धि हुई है. लेकिन पूजा समिति उस अनुपात में पेमेंट नहीं बढ़ा पा रहे हैं.
शारदीय नवरात्रि 2022 तिथि
शारदीय नवरात्रि 2022- 26 सितंबर दिन सोमवार से 5 अक्टूबर 2022 तक
शारदीय नवरात्रि 2022 प्रारंभ तिथि- 26 सितंबर 2022 दिन सोमवार
प्रतिपदा तिथि आरंभ- 26 सितंबर 2022 सुबह 3 बजकर 23 मिनट से
प्रतिपदा तिथि समापन- 27 सितंबर 2022 सुबह 3 बजकर 08 मिनट पर
घटस्थापना का मुहूर्त- 26 सितंबर 2022 सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 55 मिनट तक
घटस्थापना पर अभिजीत मुहूर्त- 26 सितंबर 2022 सुबह 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
शारदीय नवरात्रि समापन तिथि- 5 अक्टूबर 2022