मशाल रैली निकालकर मांगा न्याय, अब मंत्री-विधायकों के घर जाएंगे हड़ताली कर्मचारी…

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में चल रही कर्मचारियों की हड़ताल बढ़ती दिख रही है। गुरुवार शाम प्रदेश भर के जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर कर्मचारियों ने मशाल रैली निकाली। कर्मचारी नारेबाजी करते हुए सरकार से न्याय की मांग कर रहे थे। अब 26 अगस्त को कर्मचारी बाइक रैली निकालकर मंत्रियों-विधायकों के घर जाने की तैयारी में हैं। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने आंदोलन के मंच पर पहुंचकर हड़ताल को पार्टी का पूरा समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

रायपुर में बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर चार दिनों से बैठे कर्मचारी संगठनों ने शाम को मशाल रैली निकाली। कर्मचारियों ने मशाल लेकर नारेबाजी शुरू की। वे लोग नगर निगम की ओर बढ़ रहे थे। पुलिस ने श्याम टाकिज के पास उन्हें रोक लिया। उसके बाद कर्मचारी नारेबाजी करते हुए सड़क की दूसरी तरफ से वापस धरना स्थल लौट गए। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया, फेडरेशन के प्रांतीय निकाय ने यह फैसला किया है कि 26 अगस्त को कांग्रेस के मंत्री, विधायक, सांसद, निगम-मंडल-आयोग के अध्यक्षों, महापौर एवं अध्यक्ष के साथ ही मंत्री दर्जा प्राप्त नेताओं को मांगपत्र पहुंचाया जाए।

इसके लिए जिला, ब्लॉक और तहसील मुख्यालयों के धरना स्थल से उन नेताओं के निवास तक कर्मचारी न्याय रैली के तहत बाइक रैली लेकर जाएंगे। उन्हें मांगपत्र सौंपकर सहयोग मांगा जाएगा। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि गुरुवार को कुछ और नए संगठन हड़ताल में शामिल हो गए हैं। कर्मचारियों की यह अनिश्चितकालीन हड़ताल 22 अगस्त से शुरू हुई है।

 

सरकार की ओर से एकदम चुप्पी

कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से प्रशासनिक और न्यायिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसके बावजूद सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। प्रशासन की ओर से कुछ भी कहने से परहेज किया जा रहा है।

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया, गुरुवार शाम तक सरकार की ओर से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया था। हड़ताल और आंदोलन के संदर्भ में किसी वरिष्ठ अधिकारी या सरकार के प्रतिनिधि ने कोई चर्चा नहीं की है।

 

अरुण साव ने कहा, सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया

गुरुवार दोपहर बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव भी रायपुर के धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से आंदोलन के मुद्दों पर बात की। बाद में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस जो वादे करके सत्ता में आई थी वह पूरा नहीं कर पा रही है। हालात ऐसे हैं कि रायपुर में धरना देने वालों की इतनी भीड़ जुट रही है कि जगह कम पड़ने लगी है। इस सरकार के खिलाफ हर वर्ग आंदोलन कर रहा है।

उन्होंने भाजपा की ओर से हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की। दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा था कि भाजपा की सरकार आई तो कर्मचारियों की मांग पूरा करेगी। हालांकि तब कर्मचारी नेताओं ने साफ शब्दों में कह दिया था कि उन्हें भाजपा पर भी भरोसा नहीं है।

 

भत्ता बढ़ाने के लिए हड़ताल पर हैं कर्मचारी

छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों की यह हड़ताल भत्ता बढ़ाने की मांग के लिए है। कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी, इस दर तक पहुंचने के लिए उनका भत्ता 12% बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी साथ-साथ उठी है।

जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया। वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन हाथ आया। उसके बाद कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

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