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नई दिल्ली: इस साल दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इससे ठीक दो महीने पहले 25 अगस्त को एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि 25 अगस्त को गुरु पुष्य नक्षत्र आ रहा है.
ये दुर्लभ इसलिए है, क्योंकि इस दिन पूरे 10 शुभ योग बन रहे हैं. गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदारी और शुभ कार्यों की शुरुआत करना बहुत ही उत्तम माना जाता है. ज्योतिषियों के मुताबिक, 25 अगस्त को दश महायोग का ऐसा दुर्लभ संयोग 1500 साल बाद बना है.
कब रहेगा गुरु पुष्य नक्षत्र योग?
हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पुष्य नक्षत्र योग गुरुवार, 25 अगस्त को सूर्योदय के साथ प्रारंभ होगा और शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस महामुहूर्त में आप मांगलिक कार्य, खरीदारी या किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं. प्रॉपर्टी में निवेश से लेकर कपड़े, वाहन, ज्वैलरी की खरीदारी के लिए ऐसा शुभ योग बार-बार नहीं आता है. आप चाहें तो घर या दफ्तर के लिए कोई जरूरी सामान भी खरीदकर ला सकते हैं.
ज्योतिषविदों का कहना है कि 25 अगस्त को ग्रहों के राजा सूर्य सिंह राशि में रहेंगे. जबकि कर्क में चंद्रमा, कन्या में बुध, मीन में बृहस्पति और मकर में शनि होगा. यानी पांच प्रमुख ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहने वाले हैं. ऐसे पंचग्रही संयोग में गुरु पुष्य नक्षत्र में बनने वाले महायोग का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा. ग्रहों का ऐसा संयोग बरसों बाद देखने को मिल रहा है.
25 अगस्त को 3 शुभ योग और 7 महायोग
पंचग्रही संयोग के अलावा, 25 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि और वरियान नाम के तीन शुभ योग बनेंगे. साथ ही शुभकर्तरी, वरिष्ठ, भास्कर, उभयचरी, हर्ष, सरल और विमल नाम के राजयोग भी रहेंगे. ऐसे में दीपावली से दो माह पूर्व गुरु-पुष्य संयोग में खरीदारी और शुभ कार्यों की शुरुआत करना बहुत ही शुभ रहेगा.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दिन गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का संयोग जब भी बनता है तो इसमें कुछ चीजों की खरीदारी बहुत ही शुभ मानी जाती है. इस दिन लोग सोने-चांदी के आभूषण खरीदते हैं. ऐसी चीजें खरीदकर घर लाने से सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं. चातुर्मास लगने के बाद जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तो शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है, ऐसे में जब गुरु पुष्य नक्षत्र का योग बनता है तो आप बिना किसी चिंता के शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न कर सकते हैं.