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– जिला स्तर पर नेत्रदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और नेत्रदान कराने का निर्देश
रायपुर,13 अगस्त 2022, नेत्रदान महादान की परिकल्पना को साकार करते हुए राष्ट्रीय अंधता व दृष्टि क्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आगामी 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान जिला स्तर पर विविध कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही इच्छुक लोगों से संकल्प पत्र भरवाकर उन्हें और उनके परिजनों को नेत्रेदान करने की अपील की जाएगी।
इस संबंध में सभी जिलों के सीएमएचओ को पत्र जारी कर जिला स्तर पर नेत्रदान के लिए कार्यक्रम आयोजित करने, लोगों को प्रोत्साहित करने और अधिक से अधिक नेत्रदान कराने का निर्देश दिया गया है। इस बारे में राज्य नोडल अधिकारी, अंधत्व निवारण कार्यक्रम डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया: “25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत जिलों में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है।“ उन्होंने आगे बताया: “प्रत्येक व्यक्ति जो नेत्रदान करता है, वह दो अंधे लोगों को रोशनी प्रदान कर सकता है। नेत्रदान से मिली आंखों से कॉर्निया की परत को ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसका मतलब है कि अस्वस्थ परत को स्वस्थ परत से बदल दिया जाता है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आंखों का दान किया जा सकता है। इसके लिए नजदीकी आई बैंक को तत्काल सूचित करना चाहिए ताकि आंखों को तत्काल प्राप्त किया जा सके। प्रतिवर्ष नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित कर लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि दृष्टिहीन जरूरतमंद की आंखों को रोशनी दी जा सके। इस वर्ष भी नेत्रदान पखवाड़े के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा।“
होंगे विविध कार्यक्रम – पखवाड़ा के दौरान नेत्रदान के महत्व और इसके लाभ के बारे में लोगों को बताया जाएगा। साथ ही 8 सितंबर तक विविध जागरूकता कार्यक्रम सेमीनार, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक, ब्लाक स्तर एवं स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर संगोष्ठी, स्वास्थ्य शिविर लगाकर नेत्र की जांच एवं लेंस प्रत्यारोपण, मूक बधिर स्कूल में नेत्र परीक्षण, जेल में कैदियों का नेत्र परीक्षण एवं निबंध प्रतियोगिता आयोजित होगी। इस दौरान लोगों को नेत्रदान करने और कराने के लिए संकल्प पत्र भी भरवाया जाएगा। इसके लिए नेत्र विशेषज्ञों, नेत्रं सहायको एवं अंधत्व निवारण समिति के सदस्यों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
नेत्रदान- मरने के पश्चात मृत व्यक्ति की आंखों का दान नेत्रदान कहलाता है। कोई भी व्यक्ति अपनी आंखों का दान कर सकता है। ऐस करने के लिए आयु तथा लिंग को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। जिन लोगों को चश्मा लगा है और मोतियाबिंद सर्जरी कराएं हैं ऐसे व्यक्ति भी नेत्रदान कर सकते हैं।
यह नहीं कर सकते नेत्रदान- ऐसे व्यक्ति जो किसी भी संचारी रोग एड्स, हेपेटाइटिस बी और सी, रेबीज, सेप्टिसियामिया, ल्यूकेमिया, टेटनस, मेनिनजाइटिस, हैजा, और एन्सेफलाइटिस से पीड़ित है वह व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकता है।