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-स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार की व्यवस्था एवं एंटी स्नेक इंजेक्शन मौजूद
बिलासपुर/तखतपुर 10 अगस्त 2022, बरसात के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर सांप के काटने के मामले देखने को मिलते हैं। ऐसे में सांप के काटने पर मरीज को फौरन नजदीक के अस्पताल पहुंचाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्पदंश के उपचार और एंटी स्नेक इंजेक्शन की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से सांप के काटने पर इधर-उधर इलाज के लिए जाने की बजाए फौरन नजदीकी अस्पताल में पहुंचने की अपील की है।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया: “शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र में बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं अधिक देखने को मिलती हैं। अधिकांश मामलों में यह देखने को मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के बाद मरीज को पहले निकट के अस्पताल लाने की बजाए इधर-उधर उपचार करवाते हैं। ऐसे में जब मरीज के शरीर में सर्प के जहर का असर पूरी तरह फैल जाता है तब उसे अस्पताल लाते हैं। ऐसे में लापरवाही बरतने पर मरीजों को बचाना मुश्किल होता है। जहरीले सर्प के काटने से जहर तेजी से फैलता है इसलिए मरीज को जल्दी से जल्दी निकट के अस्पताल लाने से वहां उनको एंटी स्नेक इंजेक्शन तत्काल लगाया जाता है और मरीज की देखभाल से उसकी जान बचाई जाती है। जिले के सभी अस्पतालों, सीएचसी ( सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र), पीएचसी ( प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), जिला अस्पताल में आवश्यकतानुसार एंटी स्नेक इंजेक्शन उपलब्ध हैं। इसलिए सांप के काटने पर फौरन मरीज को नजदीकी अस्पताल लाने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है।“
तखतपुर स्वास्थ्य केन्द्र के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील हंसराज के अनुसार: “सांप का काटना घातक हो सकता है। कुछ सांप ज्यादा ज़हरीले होते हैं तो कुछ कम जहरीले होते हैं। कम ज़हरीले सांप के काटने से भी स्थिति गंभीर हो सकती है। अधिकांश मामलों में यह देखने को मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के बाद मरीज को पहले निकट के अस्पताल लाने की बजाए झाड़-फूंक करवाते हैं। स्वास्थ्य केन्द्र में सर्पदंश के इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। घना जंगल होने की वजह से क्षेत्र में प्रतिमाह 3-5 मामले सर्पदंश के आते हैं। बरसात के दिनों में यह बढ़कर प्रतिमाह 10 से 11 मामले आते हैं, परंतु इस वर्ष मामले कम आ रहे हैं। बीते तीन माह में अभी तक सर्पदंश के केवल 15 मामले ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आए हैं, जिनका उपचार किया गया है। उन्होंने बताया स्वास्थ्य केन्द्र में सांप के काटने पर दिए जाने वाले एंटी स्नैक वैनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं। इसी के साथ ही एंटी रैबीज इंजेक्शन (कुत्ते के काटने पर लगाया जाने वाला) भी उपलब्ध है।“
सांप के काटने के लक्षण और उपचार- डॉ. हंसराज के अनुसार जब सांप काटता है तो उसके दातों का जहर मांस के अंदर घुस जाता हौ और जहर धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़कर शरीर में फैल जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग तीन घंटे का समय लगता है। इस दौरान यदि व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया जाए तो उसके जीवन की रक्षा की जा सकती है। सांप काटने पर शरीर में तेज दर्द, सूजन, उल्टी-दस्त होना, चक्कर आना, शरीर का ठंडा पड़ जाना, खून बहना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। सबसे पहले सांप कांटने वाले स्थान के कुछ ऊपर शरीर को बांध देना चाहिए जिससे जहर ऊपर ना बढ़े, शरीर से कंगन, अंगूठी पायल, ब्रेसलेट आदि उतार देना चाहिए ताकि सूजन आने पर यह परेशान ना करे। फिर जितनी जल्दी हो सके व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल लेकर जाना चाहिए।