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रायपुर: जिले में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 12.56 बजे आए 4.6 तीव्रता के भूकंप से कटगोड़ी वेस्ट और चरचा ईस्ट अंडर ग्राउंड माइंस में काम कर रहे 12 से ज्यादा कर्मचारियों में से 5 लोग घायल हो गए। इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक झटके के साथ दौरान अचानक खदान का छत का कुछ हिस्सा गिरा।
बड़े हिस्से के एकाएक गिरने से खदान में हवा का दबाव बन गया, जिससे कई कर्मचारी दूर छिटक गए। इससे 5 कर्मचारी घायल हो गए। इनमें से 3 को बिलासपुर रेफर किया गया है।
जानकारी के अनुसार भू-गर्भीय कंपन से खदान में रूफ गिरने लगा। रूफ फाल से बचने के लिए श्रमिक भागने लगे और इसी दौरान पत्थर छिटकने से पांच श्रमिक घायल हो गए। एसईसीएल के रीजनल अस्पताल चरचा के डॉक्टर्स के मुताबिक तीन कर्मचारी बिलासपुर अपोलो रेफर किए गए हैं। इसमें माइनिंग सरदार इंद्रजीत पाल, ओवरमैन संजीव कुमार व श्रमिक नोहर साय को चोट आई है। भूकंप से प्रभावित कटगोड़ी स्थित एसईसीएल के चरचा ईस्ट खदान के हादसे वाली फेस को प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।
चरचा ईस्ट खदान में इस तरह का यह पहला हादसा
अब माइंस सेफ्टी टीम की जांच के बाद ही इस फेस में दोबारा प्रोडक्शन शुरू होगा। शुक्रवार को एसईसीएल के जीएम, सब एरिया मैनेजर, खान प्रबंधक हादसे वाली फेस की जांच करने पहुंचे। अधिकारी दोपहर तक माइंस में सुरक्षा इंतजाम को लेकर चर्चा करते रहे।
फिलहाल श्रमिकों को फेस में जाने से मना किया गया है। अमूमन कोयला खदानों में ड्रील, रूफ बोल्टिंग के दौरान गोप (रूफ) गिरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन चरचा ईस्ट खदान में यह पहला हादसा था, जिसमें फेस में 12 से अधिक कर्मचारी मौजूद थे।
अफसर ने बताया-माइंस के 300 मीटर अंदर फेस में हुआ हादसा
एसईसीएल के एक अधिकारी ने बताया माइंस के 300 मीटर अंदर फेस में हादसा हुआ है। दो गंभीर को देर रात और एक को सुबह रीजनल अस्पताल चरचा से बिलासपुर रेफर किया गया है। घटना के बाद सुबह 8 बजे से ही खदान के बाहर अधिकारी-कर्मचारियों का जमावड़ा लग गया।