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यूजीसी द्वारा मुफ्त हायर एजुकेशन कोर्स की शुरुआत किया जा रहा है.
यूजीसीने कहा कि 23,000 से अधिक हायर एजुकेशन कोर्स, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और चाइल्ड-हुड केयर पर कार्यक्रम शामिल हैं.
ये सभी कोर्स एक नए वेब पोर्टल पर मुफ्त में उपलब्ध होंगे. इसका उद्देश्य डिजिटल विभाजन के लिए ब्रिज तैयार करना है और देश के दूरदराज के हिस्सों में उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 की दूसरी वर्षगांठ के हिस्से के रूप में लॉन्च किया जाएगा.
यूजीसी द्वारा पीजी कोर्स की मुफ्त पेशकश
कोर्सेस में 23,000 पीजी कोर्स, उभरते क्षेत्रों में 137 SWAYAM MOOC कोर्स और 25 गैर-इंजीनियरिंग SWAYAM कोर्स शामिल हैं. यूजीसी पोर्टल पर इन्हें एक्सेस करने के लिए कोई शुल्क नहीं है. सभी पाठ्यक्रम मुफ्त हैं. कुमार ने कहा कि यह आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, ई-श्रम, पैन कार्ड, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएमएसवाईएम) और कई अन्य सरकारी परियोजनाओं के जैसा ही है.
गांव तक पहुंचे ऑनलाइन सुविधा
यूजीसी ने नए शैक्षणिक सत्र से इन कोर्सेस की पेशकश करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ टाइअप किया है. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के अपने प्रयासों के तहत, यूजीसी छात्रों को अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रहा है. सीएससी का उद्देश्य डिजिटल पहुंच प्रदान करना और नागरिकों को विशेष रूप से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों को उनके दरवाजे पर ई-गवर्नेंस सेवाएं उपलब्ध कराना है.
ग्राम पंचायतों में लगभग 2.5 लाख सीएससी और एसपीवी काम कर रहे हैं और देश भर में 5 लाख से अधिक सीएससी-एसपीवी केंद्र काम कर रहे हैं. “सीएससी और एसपीवी का मैनेजमेंट और संचालन उन उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है जो स्थानीय समुदाय से संबंधित हैं. उन्हें विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) कहा जाता है. वीएलई ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करके अपना जीवन यापन करने के लिए केंद्रों का संचालन करते हैं.