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रायपुर: प्रदेश के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सोमवार से पांच दिवसीय हड़ताल पर जा रहे हैं। वे केंद्रीय कर्मियों के समान 43 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और गृह भाड़ा (एचआरए) देने की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन को कलमबंद कामबंद हड़ताल नाम दिया गया हैै। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने 25 से 29 जुलाई तक के लिए सामूहिक अवकाश का आवेदन दे रखा है। इसके बाद शनिवार और रविवार का अवकाश है।
कर्मचारियों के इस आंदोलन के कारण सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह ने दावा किया है कि इस आंदोलन का काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस हड़ताल का आह्वान कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने किया है। दावा है कि फेडरेशन में 75 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी संगठन शामिल हैं।
इसमें स्कूल-कालेज भी शामिल हैं। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा व महासचिव आरके रिछारिया ने इस हड़ताल के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है। वर्मा ने बताया कि इन मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। इससे पहले चरणबद्ध आंदोलन के बाद भी सरकार पूरी तरह उदासीन बनी हुई है। इसके कारण विवश होकर हड़ताल का फैसला लेना पड़ा है।
कामकाज पर दिखने लगा असर
हड़ताल शुरू होने से पहले ही इसका असर दिखने लगा है। भिलाई स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय ने हड़ताल को देखते हुए अपनी परीक्षाएं टाल दी हैं। वहीं 28 जुलाई को हरेली के अवसर पर स्कूलों में होने वाले विभिन्न् आयोजनों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।