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रायपुर: रायपुर से हैदराबाद के लिए नया एक्सप्रेस वे प्लान किया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अभी रायपुर से हैदराबाद जाने के लिए 780 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। नया एक्सप्रेस वे बनने के बाद सीधे-सीधे ढाई सौ किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
यानी हैदराबाद की दूरी 530 किलोमीटर हो जाएगी। सीधे-सीधे चार घंटे का समय बचेगा। इसी तरह रायपुर से मध्यप्रदेश के लखनादौन (सिवनी के पास) के लिए भी नया एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है। रायपुर से सिवनी 300 किलोमीटर की सड़क बनेगी। सिवनी के लिए अभी जबलपुर वाला रूट पकड़ना होता है। नए प्रोजेक्ट में कवर्धा की तरफ से नया एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी है। हालांकि इसके लिए अभी ठोस काम नहीं किया गया है। यह प्रपोजल के स्तर पर है।
मार्च से एनएचएआई के पास दो नए प्रोजेक्ट, हैदराबाद के लिए बनने वाले एक्सप्रेस वे की लागत 45000 करोड़ और रायपुर से लखनादौन की लागत 5000 करोड़
ऐसा होगा हैदराबाद एक्सप्रेस-वे
वर्तमान प्रस्ताव के मुताबिक यह एक्सप्रेस रायपुर से दुर्ग, राजनांदगांव, गढ़चिरौली, गोंदपीपरी, आदिलाबाद, मैनरेरियल, रामागुंडम और करीमनगर होते हुए हैदराबाद पहुंचेगा। इसमें छत्तीसगढ़ के अंदर 104 किलोमीटर और महाराष्ट्र में 77 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे बनना है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को मिलाकर टोटल 181 किलोमीटर की सड़क बनेगी। बाकी 338 किलोमीटर की सड़क आंध्रप्रदेश में बनेगी
70 मीटर भूमि का अधिग्रहण हो
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए सामान्य भूमि की दोनों तरफ मिलाकर 70 मीटर और जंगल के भीतर 45 मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। जहां जहां से एक्सप्रेस वे गुजरेगा, उसके साथ लगी 506 हेक्टेयर जमीन महाराष्ट्र और 717 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण छत्तीसगढ़ में किया जाएगा। इसकी लागत 45000 करोड़ होगी और परियोजना का 5500 करोड़ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के अंदर खर्च आएगा।गा।
रायपुर से हैदराबाद की कनेक्टिविटी के फायदे
1. कई बड़े अस्पताल हैं, जहां रायपुर से ज्यादातर लोग जाते हैं। उनका समय बचेगा।
2. आईटी के साथ बड़े इंस्टीटयूट भी वहां हैं, जहां यहां के बच्चे पढ़ने जाते हैं।
3. दूरी कम होने से ट्रांसपोर्टेशन का ज्यादा फायदा होगा। नई सड़क से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
4. हैदराबाद और रायपुर के बीच पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। आवाजाही सुगम होगा।
2023 में गढ़चिरौली के लिए काम होगा
इसके अलावा रायपुर से गढ़चिरौली तक 104 किलोमीटर के लिए 5500 करोड़ खर्च किया जाना है। इसका काम मार्च 2023 से शुरू होगा। इसे ढाई साल में पूरा करने का टार्गेट है।