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रायपुर : छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. सुत्रों के मुताबिक पता चला है कि स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने अपने पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया है
बताया जाता है कि टी एस सिंहदेव ने अपना इस्तीफा पंचायत विभाग से दिया है। और सीधे सीएम और सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया है ।सूत्रों के मुताबिक सिंह देव इस बात से नाराज थे उनके आदेश का पालन विभाग में नहीं हो रहा है ।स्वास्थ्य विभाग से अभी उनका इस्तीफा नहीं हुआ है माना जा रहा है कि टीएस सिंह देव कि यह नाराजगी तब सामने आई है जब पंचायत के अफसर उनकी बातें नहीं सुन रहे थे ।और किसी भी प्रोजेक्ट के लिए राशि भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही थी जिससे विकास कार्य अवरुद्ध थे।
इसके पहले भी पंचायत विभाग में ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं । जिससे सिंहदेव खासे नाराज बताए जा रहे थे। दूसरी ओर टीएस सिंह देव के इस अप्रत्याशित कदम से सरकार का चिंता पड़ना स्वाभाविक है। बात कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचेगी ही तो हो सकता है डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जाये।
सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा सौंप दिया है। अपने प्रभार वाले बाकी विभागों में कैबिनेट मंत्री के रूप में अभी फीर हाल बने रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री के पास अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीससूत्रीय, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) का प्रभार यथावत हैं।
कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि आधे आधे कार्यकाल का वादा राहुल गांधी के द्वारा पुरा न करते हुए मुख्यमंत्री बनने का वादा पूरा नही करने से टी एस सिंह देव नाराज चल रहे हैं। और वे कोई भी कदम उठाने की अटकलें थी लेकिन आज पंचायत विभाग से इस्तीफा देने की चर्चाओं ने यह साबित कर दिया है कि आने वाले समय में प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें और भी बढ़ेंगी।
इसकी जानकारी अभी पता नहीं चली है।
1,समग्र विकास के तहत समिति गठित कर मंत्री से ऊपर सचिव को अध्यक्ष बनाया गया है जो नियमत : पुरी तरह से गलत है एक कैबिनेट मंत्री के ऊपर सचिव कैसे हो सकता है।
2, पंचायत मंत्री ने पिछले विधानसभा सत्र के दौरान पंचायत विभाग एवं वन विभाग के 21 अधिकारी एवं कर्मचारी को निलंबित करने की घोषणा किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उन सभी को बहाल कर दिया गया है।
3, मुख्य कारण यह है की प्रधानमंत्री आवास योजना का 12 करोड लेप्स होना है जिससे छत्तीसगढ़ के गरीबो को आवास मिलना था जो रूक गया है।
यह सब विभाग के अधिकारियों की मनमर्जी रवैया की वजह से है। इन्हीं सभी कारणों से पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा दिया गया है।
अब आगे देखना होगा कि अभी मंत्री सिंहदेव का अगला कदम क्या होगा और बीजेपी इस पर किस तरह का विपक्ष की हैसियत से अपना रुख अख्तियार करती है।