विकास प्रभावित ना हो इसलिए बढ़ती जनसंख्या का स्थिरीकरण जरूरी…

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विकास प्रभावित ना हो इसलिए बढ़ती जनसंख्या का स्थिरीकरण जरूरी…

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– जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के जरिए परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने पर दिया जा रहा जोर

– गर्भवती और शिशुवती माता एवं पुरूषों को मिल रही परिवार नियोजन की काउंसिलिंग

– (विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई पर विशेष)

रतनपुर, बिलासपुर 11 जुलाई 2022:  लगातार बढ़ती जनसंख्या से विकास प्रभावित हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाकर सीमित परिवार के लिए परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

इसी को ध्यान में रखते हुए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रतिमाह 70 के करीब प्रसव हो रहे हैं I वहीं प्रसव के उपरांत तथा गर्भवती माताओं तथा यहां आने वाले दंपत्तियों को जच्चा और बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य एवं विकास के लिए परिवार नियोजन के लिए अलग से काउंसिलिंग दी जाती है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर की मेडिकल ऑफिसर डॉ. पूनम सिंह ने बताया; “जनसंख्या के नियंत्रण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है । आजकल परिवार नियोजन के लिए अधिकांश लोगों को अस्थाई साधन पसंद आ रहा है। इन अस्थाई साधनों में इंट्रायूटेराइन कनट्रासेपटिव्स डिवाइस (आईयूसीडी), पोस्टपार्टम इंट्रायूटेराइन कनट्रासेपटिव्स डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), अंतरा, कंडोम, ओरल कनट्रासेपटिव्स पिल्स (ओसीपी) और छाया आते हैं। केन्द्र में यह सेवाएं दी जाती हैं। ऑपरेशन थियेटर नहीं होने की वजह से स्थाई साधन अपनाने (नसबंदी के लिए) के इच्छुक दंपत्तियों को जिला अस्पताल या अन्य केन्द्र जहां यह सुविधा उपलब्ध है वहां भेजा जाता है। जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा दो चरण में मनाया जा रहा है। प्रथम चरण में 27 जून से 10 जुलाई तक ए.एन.एम. एवं मितानिन द्वारा गृह भ्रमण कर परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधन अपनाने वाले इच्छुक लोगों को चिन्हांकित किया गया है। चिन्हांकित सभी लोगों (महिला एवं पुरूषों) को पखवाड़े के दूसरे चरण में 11 जुलाई से 27 जुलाई तक परिवार नियोजन सेवा प्रदान की जाएगी।“

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बताते चलें राज्य का सकल प्रजनन दर एनएफएचएस-4 (2015-16) में जहां 2.2 प्रतिशत थी जो कि बेहतर होकर एनएफएचएस-5 (2020-21) में 1.8 प्रतिशत हो गई है। जो प्रदेश में जनसंख्या के स्थिरीकरण का सूचक है।

परिवार नियोजन और मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर जोर- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिमाह औसतन 300 के लगभग गर्भवती महिलाओं की जांच होती है। साथ ही प्रतिमाह 9 और 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सेवाएं भी दी जा रही हैं और सप्ताह के दो दिन विशेषरूप से गर्भवती एवं शिशुवती माताओं की जांच और परामर्श प्रदान किया जाता है। बीते जून माह 2022 को ही लें तो परिवार नियोजन के लिए यहां 402 लोगों की काउंसिलिंग हुई, 45 प्रसव हुए, 312 गर्भवतियों की जांच हुई, 62 को अंतरा इंजेक्शन, 12 को कॉपर टी लगाया गया, 32 को कॉंडोम, 8 को माला एन और 9 को छाया टेबलेट दिया गया।

परिवार नियोजन का लाभ – डॉ. पूनम के अनुसार परिवार नियोजन का सबसे प्रमुख लाभ परिवार नियंत्रित करना है। परिवार छोटा होगा तो सभी सदस्यों की जरूरते भी पूरी होंगी, बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के समस्त पहलुओं का विकास भी होगा। परिवार नियोजन से दो गर्भ के बीच अंतर निश्चित करने पर माता तथा बच्चे दोनों ही स्वास्थ्य रहेंगे और अनचाहे गर्भ से मुक्ति भी मिल जाती है।

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