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– 40 ओ.आर.टी.और जिंक कॉर्नर की हुई स्थापना
– 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मिल रहा लाभ
तखतपुर/बिलासपुर, 4 जुलाई 2022, शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। बच्चों में डायरिया की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य केंद्रों में ओ.आर.टी. (ओरल रिहाईड्रेशन थेरेपी) और जिंक कॉर्नर की स्थापना की गई है। साथ ही समुदाय व गांव स्तर पर घरों में ओ.आर.एस. का वितरण कर लोगों को ओ.आर.एस. एवं जिंक को बनाने की विधि का प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
प्रदेश में 21 जून से 5 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा (IDCF – Intensified Diarrhea Control Fortnight) मनाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के प्रति सतर्कता बरतते हुए दीवार लेखन, सोशल मीडिया एवं प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों के जरिए डायरिया के रोकथाम एवं नियंत्रण की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इस संबंध में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. सुनील हंसराज ने बताया: “डायरिया शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है। इसके शीघ्र उपचार से बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। 5 जुलाई तक चलने वाले पखवाड़े के अंतर्गत डायरिया से होने वाली मौतों की दर शून्य रखने के लिए जन-जागरूकता अभियान के साथ ही इलाज की भी व्यवस्था दुरुस्त रखने का प्रयास किया जा रहा है। मितानिन के माध्यम से लोगों को हाथ धुलाई का महत्व बताते हुए सही तरीके से हाथ धुलाई का भी प्रदर्शन भी कराया जा रहा है।“
यहां स्थापित हुए ओ.आर.टी. और जिंक कार्नर- कुल 40 ओ.आर.टी. और जिंक कार्नर स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित किए गए हैं। जिसके माध्यम से शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है। एक लाभार्थी महिला लीला ने बताया: “मेरे दो साल के बच्चे को 24 घंटे से दस्त हो रहा था। मितानिन दीदी ने मुझे ओआरएस बनाने की विधि बताई थी, तो मैंने दस्त होते ही बच्चे को ओआरएस दिया और उसे स्वास्थ्य केन्द्र लेकर गई। चिकित्सकों ने कुछ और दवा दी, पानी खूब पिलाने और साफ- सफाई रखने की सलाह दी। जिससे मेरे बच्चे को काफी आराम मिला है। “ कुसुम कहती हैं: “मुझे दस्त हो रहा था और मेरे 9 माह के बच्चे को भी हो गया था। इस बीच स्वास्थ्य केन्द्र से मुझे ओआरएस और जिंक की गोली दी गई थी। मैंने चिकित्सकों की सलाह मानी और बच्चे को स्तनपान भी कराया। जिस कारण मैं और मेरा बच्चा दोनों ठीक हैं।“
बताए जा रहे डायरिया से बचाव के उपाय- डायरिया के प्रसार को जागरूकता के जरिए रोका जा सकता है। इसको देखते हुए क्षेत्र के जलाशय और जल स्त्रोतों जैसे कुंआ, हैंड पंप की साफ-सफाई करना तथा संक्रमण रोकने के लिए क्लोरिन की टेबलेट डालने की जानकारी दी जा रही है। साथ ही ओआरएस , जिंक का महत्व बताकर पर दस्त होने पर मां का दूध पिलाने, हाथ धोने तथा शौच के पश्चात हाथों की सफाई की विधि और महत्ता को भी समझाया जा रहा है। सफल डायरिया प्रबंधन के लिए दस्त होने पर मरीज को तुरंत ओआरएस एवं जिंक का सेवन कराएं तथा नजदीक के एएनएम, मितानिन , हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जल्द से जल्द बच्चे और अन्य डायरिया के मरीज को लेकर जाने हेतु जागरूक किया जा रहा है।