योग कर हुए निरोग, अब लोगों को सीखा रहे स्वस्थ रहने के गुर…

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 – सुबह कालोनी में लगती है पाठशाला, हर उम्र के लोग शामिल होकर लेते हैं स्वास्थ्य लाभ

(अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष)

रायपुर, 20 जून 2022, “करो योग रहो निरोग” तो सभी जानते हैं, परंतु योग, प्राणायाम के साथ ही “हास्य योग कर रहो निरोग” को चरितार्थ किया है, अम्बेडकर नगर गुढ़ियारी की 67 वर्षीय रत्नमाला रामटेके ने। रक्तचाप (बीपी), मधुमेह (शुगर) और थायराइड की समस्या से ग्रसित होने की वजह से इनका आत्मबल खत्म सा हो गया था। कुछ लोगों ने योग से इन समस्याओं छुटकारे की बात इन्हें बताई। रत्नमाला कहती हैं:” बस्ती के ही योगाभ्यास क्लास में रोजाना जाना शुरू किया , शुरूआत में तो सब असंभव सा लगा परंतु योग से मुझे स्वास्थ्य लाभ हुआ है। कई दवाएं भी मेरी छूट गई हैं औऱ कुछ की मात्रा भी कम हो गई हैI

 

रत्नमाला आगे कहती हैं:” दस वर्ष पूर्व एक समय ऐसा भी था जब बीपी, शुगर, थायराइड के साथ ही मुझे जोड़ों में दर्द की समस्या थी। मुझे चलना भी मुश्किल होता था, पैर मोड़ भी नहीं पाती थी। साथ ही साथ इन बीमारियों के लिए हाई पावर की दवाएं भी नियमित रूप से मुझे खानी पड़ती थीं। साधारण सी गृहिणी होने की वजह से घर के कामकाज करने में भी मुझे असुविधा होती थी, मगर सुबह-सुबह बस्ती में लगने वाली योग,प्राणायाम हास्य योग की पाठशाला में नियमित मैं जाने लगी। शुरू में बैठकर बस लोगों को योगा करते देखती थी। धीरे-धीरे उन लोगों जैसा करते-करते कब मैं स्वस्थ होने लगी, मुझे पता भी नहीं लगा। मैं अच्छे से चलती हूं, पैर भी मुड़ने लगा और कोई दर्द या तकलीफ भी खत्म हो गया6 वर्षों से मैं नियमित योगा करती हूं, मेरा बीपी अभी नॉर्मल है, थायराइड की दवा का पावर भी कम हो गया है । शुगर भी ठीक हो रहा है। मेरे बच्चे मुझे देखकर अब वह भी योग करने लगे हैं।“

हंसिए हंसाइए रोग भगाईए- रायपुर जनता कालोनी निवासी 65 वर्षीय प्रकाश अग्रवाल भी हैं। वर्ष 2013 से नियमित योग कर प्राणायाम के साथ ही हास्य योग के जरिए लोगों को स्वस्थ रहने का पाठ भी पढ़ा रहे हैं। उनकी पाठशाला में बच्चों से लेकर, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल होते हैं और हास्य योग के जरिए स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। प्रकाश कहते हैं: “जिस तरह शरीर की साफ-सफाई जरूरी है, उसी तरह नियमित योग एवं व्यायाम करना भी । यह एक आध्यात्मिक अनुशासन है, जिसके अनुपालन से मन और तन को नियंत्रण मिलता है। शरीर को नियंत्रित करने की ऊर्जा विकसित होती है, जिससे शरीर निरोगी होता है। योग प्राणायाम का एक हिस्सा हास्य योग है। जिस तरह खाना और व्यायाम शरीर के लिए जरूरी है, उसी तरह हंसने से भी मन प्रसन्न होता है, सकारात्मकता आती हैI कई तरह के असाध्य रोग और संक्रमण सही तरीके से श्वांस लेने और छोड़ने से मिट जाते हैं। हंसना मानसिक तनाव अवसाद में यह अत्यंत लाभ देता है।“ उन्होंने आगे बताया: “मूक बधिर बच्चों के लिए काम करने की मेरी हमेशा से इच्छा थी। ऐसे बच्चों को एक भाषा सीखाने के लिए मेरे मित्र से मिला। मित्र ने मुझे योग के बारे में बताया और हास्य योग केन्द्र के प्रमुख मूलचंद शर्मा से मिलवाया। उनके साथ नियमित रूप से योगा प्राणायाम और हास्य योग करने लगा और मुझे अपने शरीर में बदलाव महसूस हुआ। तब मैंने लोगों को इसका लाभ बताने के लिए कॉलोनी में ही लोगों को इकट्ठा कर इसके बारे में बताने लगा। 7 वर्ष पूर्व मैंने विधिवत जनता कालोनी में हास्य योग केन्द्र खोला है। सुबह दो घंटे नियमित रुप से योगा, हास्य योग क्लास होती है जिसमें बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और युवा सभी शामिल होते हैं।“

योग के फायदे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पतालों में नियमित रूप से योगा, प्राणायाम क्लास शुरू किया गया है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ – एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कन्ट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिसीसेस एंड स्ट्रोक) के उप संचालक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया “स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। आज के दौर में लाइफ काफी फास्ट हो चुकी है। बेहतर स्वास्थ्य के प्रति हम उतने सजग नहीं हैं। जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियां लोगों को ( युवाओं और बच्चों ) भी अपनी चपेट में ले रही हैं। लेकिन दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव कर योग, प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर इस तरह की तमाम शारीरिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है। इतना ही नहीं नियमित योगा और प्राणायाम के जरीए मानसिक समस्याओं में भी राहत मिलती है। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और गैर संचारी रोग क्लिनिक ( एनसीडी क्लिनिक) के माध्यम से भी लोगों को योग, प्राणायाम और जुंबा करने के लिए प्रेरित किया जाता है।“

हास्य योग के फायदे- नियमित योग और प्राणायाम के साथ-साथ हास्य योग से कई फायदे जैसे फेफड़ों में रक्तसंचार का बढ़ना, सकारात्मकता लाना, मन को एकाग्र करना, तनाव, मानसिक समस्याओं को दूर करना, शारीरिक ब्राह्य एवं आंतरिक ऊर्जा में बढ़ोत्तरी करना, श्वांस अभ्यास से आवश्यक मात्रा में शरीर को ऑक्सीजन मिलना, कार्यकुशलता को बढ़ाना तथा संयम की क्षमता का विकास आदि शामिल है।

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