कैंसर पी़ड़ितों एवं उनके परिजनों के मानसिक समस्याओं का अब होगा निदान…

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– दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर से आए विशेषज्ञों ने दिए सुझाव, जल्द ही रणनीति होगी तैयार

रायपुर, 10 जून 2022, राज्य में कैंसर पीड़ितों एवं उनके परिजनों की मानसिक समस्याओं के निदान की तैयारी की जा रही है। इसी उद्देश्य से राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए विषय विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों को साझा कर महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। जिनपर एक रणनीति तैयार की जाएगी।

“कैंसर के मरीजों एवं उनके परिजनों में होने वाले मानसिक समस्याओं की पहचान और इलाज” विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों को साझा किया। इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं गैर संचारी रोग कार्यक्रम को आपस में जोड़कर गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों और उनके परिजनों के मानसिक समस्याओं के निदान के तरीकों पर सामूहिक चर्चा हुई । इन चर्चाओं में मनोचिकित्सकों, विषय विशेषज्ञों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने सुझाव दिए। जिसमें जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में भी कैंसर मरीजों के लिए पैलेटिव केयर सेवा दिए जाने, गैर संचारी रोगों के लिए संचालित क्लिनिक के सभी स्टाफ को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और उसके निदान संबंधी प्रशिक्षण दिए जाने, कैंसर पीड़ितों एवं उनके परिजनों की व्यक्तिगत मानसिक स्वास्थ्य काउंसिलिंग किए जाने, इन कार्यों के लिए स्टाफ की संख्या बढ़ाने आदि मुख्य रूप से शामिल था।

कार्यशाला में संयुक्त निदेशक रायपुर एवं दुर्ग संभाग डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव , विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एनपीओ मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. अत्रेयी गांगूली भी उपस्थित होकर उपरोक्त विषय पर मिले सुझावों पर अमल कर यथाशीघ्र कार्य किए जाने को जरूरी बताया। वहीं डॉ. महेंद्र सिंह उप संचालक, मानसिक स्वास्थ्य एवं एनपीसीडीसीएस ने दो दिवसीय कार्यशाला में मिले सुझावों के अनुरूप रणनीति तैयार कर यशाशीघ्र ही कैंसर पीड़ितों एवं उनके परिजनों की मानसिक समस्याओं का निदान कर उन्हें लाभ दिलाने की बात कही।

सकारात्मक वातावरण मिले तो जीत सकते हैं गंभीर बीमारी से जंग-

1. राकेश ( परिवर्तित नाम) ने बताया “मेरे 80 वर्षीय पिता को कैंसर है, जिसका इलाज चल रहा है, मगर पिताजी को अब तक इस बात की जानकारी नहीं है। पिताजी के कैंसर पीड़ित होने की जानकारी जब मिली तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई। पूरा परिवार पापा अब ठीक हो सकेंगे या नहीं, बस इसी चिंता में परेशान हो गया। परिवार वालों की चिंता और तनाव को देखकर पिताजी को भी तनाव होने लगा। तब चिकित्सकों ने सकारात्मक सोच रखते हुए इलाज कराने के बारे में समझाया और हमने ऐसा ही किया और पिताजी को भी हौसला दियाI आज पापा ठीक हो रहे हैं।“

2. रायपुर निवासी आशीष ( परिवर्तित नाम) ने बताया “मेरी मां ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं। जब उन्हें कैंसर होने की जानकारी मिली तो जिंदगी रहेगी या नहीं इसी विचार ने उन्हें परेशान कर दिया । परिवार के लोगों को परेशान और चिंतातुर देखकर उन्होंने यह जाहिर नहीं होने दिया। बीमारी का इलाज चिकित्सकों द्वारा दिए परामर्श के अनुसार ही शुरू हुआ । मगर मां को तनाव अवसाद में देखकर मैंने जब उनसे बात की तब जानकारी हुई की उन्हें बीमारी की वजह से जान जा सकती है इसका डर सता रहा था। इसके बाद परिवार के लोगों और मित्रों ने उन्हें इलाज कराकर ठीक हो जाने तथा सकारात्मक सोच रखने को प्रेरित किया। आज मां का ऑपरेशन हो गया है और वह स्वस्थ हैं।“

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