गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 21 जून से…

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– 0-5 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य का रखा जाएगा विशेष ध्यान

– दस्त से बचाव को ओआरएस और जिंक का होगा वितरण

रायपुर. 8 जून 2022. प्रदेश में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा ( इंटेन्सीफाइड डायरिया कंट्रोल फोर्टनाइट -आईडीसीएफ) 21 जून से 5 जुलाई 2022 तक आयोजित किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र के आलोक में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ नीरज बनसोड ने उपरोक्त पखवाड़ा मनाने को कहा है। साथ ही राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को कोविड -19 नियमों का पालन करते हुए 0-5 वर्ष के बच्चों का विशेष ध्यान रखऩे हेतु गतिविधियों का संचालन करने के लिए निर्देश भी दिया है।

0-5 वर्ष के बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्युओं की रोकथाम और शीघ्र उपचार से शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से 21 जून से 5 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वा. केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में ओरल डिहाइड्रेशन ट्रीटमेंट (ओआरटी) कार्नर स्थापित किए जाएंगे। इस दौरान ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मितानिन को डायरिया केस प्रबंधन पर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही उन्हें ओआरएस, जिंक टेबलेट, उपचार तथा काउंसलिंग पर आधारित प्रशिक्षण और टूल किट दिया जाएगा।

प्रचार-प्रसार पर जोर- जारी पत्र में गांव पंचायत स्तर पर ओआरएस का घोल एवं जिंक का महत्व दर्शाते दीवार लेखन करना , जागरूकता हेतु संचार के विभिन्न साधनों जैसे- टीवी, रेडियो, डिजिटल माध्यम ( व्हाटसैप, फेसबुक, ट्वीटर आदि) पर स्थानीय भाषा में प्रचार-प्रसार किया जाना, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, स्थानीय प्रशासन आजिविका मिशन एवं शासकीय विभागों के साथ कार्यरत डेवलप्मेंट पार्टनर्स एवं निजी स्वास्थ्य संस्थाओं का गतिविधियों एवं मॉनिटरिंग में सहयोग लिया जाना तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम द्वारा ग्राम स्तर और शहरी क्षेत्रों में विशेष गतिविधियां संचालित करने का निर्देश भी दिया है।

उच्च जोखिम वाले क्षेत्रो पर भी रखें ध्यान – स्वास्थ्य संचालक के जारी किए गए पत्र में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट भट्ठा, खानाबदोश स्थल, बाढ़ क्षेत्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों जहां एएनएम उपलब्ध नहीं है, प्रवासी मजदूर, सड़क पर रहने वाले बच्चों तथा मलिन बस्ती में अधिक ध्यान देने को कहा है। साथ ही उक्त क्षेत्र में ओआरएस की पूर्व उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।

डायरिया नियंत्रण के होंगे उपाय- पखवाड़ा के दौरान डायरिया नियंत्रण के उचित उपाय, खानपान एवं साफ-सफाई से संबंधित जानकारी लोगों को प्रदान की जाएगी। घर-घर भ्रमण कर ओआरएस, जिंक की गोली का वितरण एवं घोल बनाने की विधि बताई जाएगी। गंभीर डायरिया के लक्षणयुक्त बच्चे को इलाज के लिए उच्च स्वास्थ्य संस्था में रेफर किया जाएगा। बच्चों को हाथ धुलाई के सही विधि,भोजन करने से पहले हाथ धोना जरूरी है इसकी जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सिखाई जाएगी। गर्भवती माताओं को उचित खान-पान एवं शिशु पोषण आहार की जानकारी दी जाएगी और दस्त होने पर क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए, इसकी जानकारी दी जाएगी। डायरिया की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए घरों में तथा कुएं, जल स्रोतों की साफ-सफाई एवं संक्रमण की रोकथाम के लिए क्लोरीन टेबलेट्स वितरित की जाएगी। गृह भ्रमण के दौरान हाथ धोने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा।

डायरिया के लक्षण व बचाव के उपाय – डायरिया को दस्त या पेट का फ्लू भी कहा जाता है। इसमे अत्याधिक पानी का मल आना, पेट में ऐंठन होना, उल्टी आना, जी मिचलाना, बुखार, भूख की कमीं तथा शरीर सुस्त पड़ जाता है। ज्यादा दस्त होने से शरीर में पानी की कमीं होने लगती है। इससे बचाव का सबसे जरूरी और बड़ा उपाय है व्यक्तिगत स्वच्छता रखना। शौच जाने के बाद , खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साबुन और पानी से धोना चाहिए। स्वच्छता रखने और पीड़ित को ओआरएस एवं जिंक का सेवन कराने से डायरिया को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

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