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– विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शैक्षणिक संस्थान, एक गांव एवं विश्वविद्यालय को तंबाकू मुक्ति का दिया जाएगा प्रमाणपत्र
बिलासपुर, 30 मई 2022, तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। साथ ही तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन करने वालों को कई प्रकार की गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। बावजूद इसके लोग तंबाकू एवं इससे बने उत्पादों का सेवन करते हैं। तंबाकू को छोड़ने और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 31 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” मनाया जाता है। इसी क्रम में मंगलवार को जिला स्तर पर विविध कार्यक्रम होंगे, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों, गांव एवं महाविद्यालय को तंबाकू मुक्त घोषित किया जाएगा और उन्हें प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा। साथ ही जिले में संचालित “तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र”के माध्यम से नशा, तंबाकू, गुटखा आदि का सेवन छोड़ने और स्वस्थ्य जीवन जीने वाले लोगों को भी प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया: “तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन करने से कई तरह की गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अस्पताल में तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित किया गया है। जहां पर तंबाकू और अन्य तरह के तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों की काउंसिलिंग और चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर तंबाकू छोड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।“
जिला नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ.बी.के. वैष्णव ने बताया: “तंबाकू नशा मुक्ति कार्यक्रम के तहत स्कूलों, सरकारी एवं निजी संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही साथ जागरूकता के लिए स्कूलों में तंबाकू से होने वाली स्वास्थ्यगत परेशानियों और तंबाकू को आसानी से छोड़ा जा सकता है, इसके लिए “तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र” के बारे में समय-समय पर जानकारी दी जाती है।
“ जिला सलाहकार तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. अनुपम ने बताया: “विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर जिले के 500 स्कूलों, 1 महाविद्यालय ,1 गांव, तंबाकू व्यसन छोड़ चुके नए पांच लोगों और प्रतिबंधित तंबाकू उत्पादों की बिक्री रोकने के लिए चालानी कार्यवाही करने वालों को भी प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही संगोष्ठी एवं परिचर्चा के माध्यम से तंबाकू मुक्ति का संदेश दिया जाएगा।“
उल्लेखनीय है कि वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण 2019 के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 13 से 15 आयु के बच्चों द्वारा तंबाकू उपयोग का प्रतिशत 8 है। राष्ट्रीय औसत से भले ही यह आंकड़ा कम है, परंतु यह बहुत चिंताजनक विषय है। इसे देखते हुए प्रदेशभर में तंबाकू मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बिलासपुर जिला अस्पताल में “तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र” के माध्यम से लोगों को तंबाकू छोड़ने की अपील की जा रही है। जिसका नतीजा यह हुआ है कि बीते एक वर्ष में 14 से अधिक लोगों ने तंबाकू सेवन छोड़ दिया है और लोगों को तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने की सीख दे रहे हैं। तंबाकू व नशा छोड़ने वालों में मुख्य रूप से 12 साल के किशोर से लेकर 60 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं। तंबाकू उत्पादों और नशा सेवन छोड़ने वालों का कहना है “छोड़बो तंबाकू गढ़बो नवा छत्तीसगढ़।“
लोगों को मिली काउंसिलिंग – जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक 1,782 लोगों की काउंसिलिंग की गई, जिनमें 83 प्रतिशत पुरुष और 17 प्रतिशत महिला यानि 1,483 पुरूष और 299 महिलाओं की काउंसिलिंग की गई। इतना ही नहीं तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र (टीसीसी) ओपीडी में जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 के दौरान पहुंचने वाले जिन्हें काउंसिलिंग दी गई उनमें मुख्य रूप से बीड़ी का सेवन करने वाले 133 लोग, सिगरेट का सेवन करने वाले 139 , खैनी का सेवन करने वाले 149 लोग, गुड़ाखू का सेवन करने वाले 346 और गुटखा का सेवन करने वाले 249 लोग भी शामिल थे।“