www.khabarwala.news

कभी रायपुर भी दूर था, अब यूरोप तक उड़ान भर रही हैं बस्तर की हसरतें…

www.khabarwala.news

schedule
2022-05-23 | 15:58h
update
2022-05-23 | 15:58h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
कभी रायपुर भी दूर था, अब यूरोप तक उड़ान भर रही हैं बस्तर की हसरतें…

raipur@khabarwala.news

रायपुर, 23 मई 2022 :एक दौर था जब दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ जिलों के ग्रामीणों के लिए राजधानी रायपुर की यात्रा ही दूर की कौड़ी हुआ करती थी, लेकिन एक यह दौर है जब उन्हीं गांवों की हसरतें अपने देशी की सीमा लांघ कर इंग्लैंड तक पहुंच चुकी हैं। भेंटमुलाकात कार्यक्रम के दौरान दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण की एक महिला ने अपने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से कहा कि वे इंग्लैंड जाकर देखना चाहती हैं कि वहां के लोग हमारे महुआ का किस तरह इस्तेमाल करते हैं। 

मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान यह अकेला उदाहरण नहीं है। इसी जिले में डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी चलाने वाली महिलाओं की ख्वाहिश थी कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपनी आराध्या मां दंतेश्वरी के लिए 11 किलोमीटर लंबी चुनरी बनाने का रिकार्ड कायम किया है। पूरी दुनिया में अब तक इतनी लंबी चुनरी किसी ने नहीं बनाई। कल ही इनकी यह ख्वाहिश भी पूरी हो गई, उनके नाम अब विश्व-रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। दरअसल, डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी ग्रामीणों का ही एक सामूहिक उपक्रम है, जिसे एक किसान संगठन द्वारा संचालित किया जाता है। ग्रामीणों को उद्यम, रोजगार और कौशल से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे नवाचारों के तहत दंतेवाड़ा के किसानों और स्व सहायता समूहों को इस फैक्टरी की स्थापना के लिए प्रेरित किया गया था। उन्हें सहायता भी उपलब्ध कराई गई। दंतेवाड़ा में एक के बाद एक चार डेनेक्स फैक्टरियां खुल चुकी हैं, और आज ही पांचवीं फैक्टरी के लिए डेनेक्स एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) और एक्सपोर्ट हाउस तिरुपुर के बीच एमओयू हुआ है। किसानों के इस ब्रांडनेम में उनका हौसला भी छुपा है, डेनेक्स यानी “दंतेवाड़ा नेक्स्ट”। देश के अनेक प्रतिष्ठित शॉपिंग मॉल्स तक अपने गारमेंट पहुंचाने के बाद ग्रामीणों का यह समूह भी यूनाइडेट किंगडम तक अपने उत्पाद पहुंचाने की तमन्ना रखता है।

Advertisement

छत्तीसगढ़ के गांवों में कुलबुला रहे ये सपने एक के बाद एक मिल रही सफलताओं की जमीन पर उपजे हैं। राजनांदगांव और रायपुर जिलों में हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रहे महिला स्व सहायता समूहों ने अपने उत्पाद की एक खेप यूरोप भेजी है। छत्तीसगढ़ के किसान सुगंधित और जैविक चावल का उत्पादन कर नेपाल और अन्य देशों में भेज रहे हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से लेकर दंतेवाड़ा जिले तक चावल की प्रोसेसिंग की परंपरागत ‘ढेंकी-पद्धति’ को पुनर्जीवित करते हुए ग्रामीण और किसान ज्यादा पोषण से भरपूर चावल बाजार को उपलब्ध करा रहे हैं, जिसकी अच्छी मांग है। जशपुर में चाय के उत्पादन के बाद बस्तर की झीरम घाटी में किसानों ने कॉपी के उत्पादन में भी हाथ आजमाया है। सांसद श्री राहुल गांधी भी बस्तर की कॉफी का स्वाद ले चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने सुझाव दिया था कि रायपुर और नई दिल्ली में भी बस्तर-कॉफी का कैफे खोला जाना चाहिए।

कटेकल्याण की ग्रामीण महिला पार्वती मोरे ने जब मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से कहा कि वह भी इंग्लैड जाना चाहती है, तब मुख्यमंत्री ने कहा-आप जरूर इंग्लैंड जाएंगी। आपको जरूर भेजेंगे।

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
30.03.2025 - 01:27:08
Privacy-Data & cookie usage: