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– नियमित व्यायाम और दिनचर्या में बदलाव लाकर बच सकते हैं हाइपरटेंशन सेः डॉ. सिंह
(उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई विशेष)
रायपुर, 16 मई 2022, आज की भागमभाग जिंदगी और अनियमित खानपान की वजह से हाइपटरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी हर उम्र के लोगों को चपेट में ले रही है। तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, अनियमित दिनचर्या और अनियमित खानपान गैर संचारी बीमारी यानि हाइपरटेंशन उच्च रक्तचाप के प्रमुख कारण हैं। रक्तचाप एक ऐसी समस्या है, जिसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है। इसलिए इस बीमारी को लेकर सजगता बरतना बहुत जरूरी है। इसलिए ही प्रतिवर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन डे ( विश्व उच्च रक्तचाप दिवस) मनाकर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है।
इस संबंध में स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय में एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कन्ट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिसीसेस एंड स्ट्रोक) के उप संचालक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया “स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। देश में हर वर्ष 28 प्रतिशत लोगों की मृत्यु अनियमित जीवनशैली और खानपान की वजह से होने वाली गैर संचारी बीमारियों जैसे हाइपरटेंशन ( उच्च रक्तचाप), शुगर ( मधुमेह) के कारण होती है। आज के दौर में लाइफ काफी फास्ट हो चुकी है। बेहतर स्वास्थ्य के प्रति हम उतने सजग नहीं हैं। जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। खासकर रक्तचाप (उच्च रक्तचाप एवं निम्न रक्तचाप) के मरीज विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में युवा भी शामिल हैं। बीमारी के शुरुआती लक्षणों को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं, जो ठीक नहीं है। यदि हाइपरटेंशन की समस्या हो रही है तो खानपान से लेकर अपनी दिनचर्या ठीक कर, चिकित्सकीय परामर्श और दवाओं के साथ ही जीवनशैली दिनचर्या में बदलाव लाकर ही इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।“
राज्य में संचालित है विशेष कार्यक्रम- देशभर में गैर संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। राज्य में एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जिले में बीमारियों से बचाव के प्रयास किए जा रहे हैं। सभी जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों एवं मेडिकल कॉलेजों में जिला स्तरीय टीम गठित कर कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2021-2022 (1अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक) में एनसीडी क्लिनिक (गैर संचारी रोग नियंत्रण सेल) में कुल 2,64,971 उच्च रक्तचाप के नए मरीज की पहचान हुई है। इसके साथ ही हायपरटेंशन (बीपी) के 3,42,895 फॉलोअप वाले पुराने रोगियों का इलाज भी जारी है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण- उच्च रक्तचाप कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। उच्च रक्तचाप में तेज सिरदर्द, थकान, भ्रम, देखने में समस्या, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, अनियमित रूप से बढ़ने वाली दिल की धड़कन, यूरिन में ब्लड आना ऐसे लक्षण हो सकते हैं ।
उच्च रक्तचाप के कारण- नमक का अधिक मात्रा में सेवन करना, अनियमित खानपान, तनाव,धूम्रपान या नशीले पदार्थों का सेवन करना, अनियमित दिनचर्या, वजन का बढ़ना इत्यादि।
रोकथाम और उपचार – नमक का उपयोग कम करना, धूम्रपान एवं अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना, फास्ट फूड अधिक मसाला, तेल वाले भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं करना, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और जूस का सेवन ज्यादा करना, व्यायाम, योगा का नियमित अभ्यास करना तथा नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराकर डॉक्टरों द्वारा दिए परामर्श का पालन करने से काफी हद तक उच्च रक्तचाप की समस्या से बचा जा सकता है।