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राजनांदगांव 13 मई 2022 :जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिए 15 मई से विशेष 3 माह तक विशेष सघन अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि अभियान के दौरान जिले भर में गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें सुपोषित आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही एनीमिक महिला और किशोरी बालिका का चिन्हांकन कर उन्हें जरूरी सलाह व उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण एक सामाजिक अभिशाप है। यह बच्चे के संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है। सबके समन्वित प्रयास और सहभागिता से कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वतंत्रता दिवस 2022 तक जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिए 3 माह तक सुपोषण आहार, कुपोषित बच्चे को उपलब्ध कराया जाएगा। अभियान के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमला के कर्मचारी घर-घर जाकर गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करेंगे।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि अभियान के दौरान बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र में दिए जाने वाले पोषण आहार के अतिरिक्त प्रतिदिन शाम को सुपोषित आहार उपलब्ध कराया जाएगा। कुपोषण की श्रेणी के बच्चों पर निगरानी रखने के साथ ही हर 15 दिवस में बच्चे के स्वास्थ्य सुधार का आकलन किया जाएगा। अभियान को जनआंदोलन के रूप में शामिल कर इसमें स्वसहायता समूह, पंचायत प्रतिनिधियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। सबकी सहभागिता और सहयोग से कुपोषण मुक्त जिला बनाने की दिशा में अभिनव प्रयास किया जाएगा। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि यह कार्य पुनीत और मानव सेवा का कार्य है। जिससे हम बच्चे को नया जीवन और संपूर्ण जीवन के लिए स्वस्थ करने जा रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग को समन्वित प्रयास करते हुए सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ बच्चे को सुपोषित बनाने की दिशा में सार्थक भूमिका का निर्वहन करने कहा है। कलेक्टर ने कहा कि सभी गर्भवती महिला को आवश्यक मार्गदर्शन और सुझाव दें कि वह प्रतिदिन गर्म भोजन और पौष्टिक आहार का सेवन करें। जिससे स्वस्थ व सुपोषित बच्चे का जन्म हो। इसके साथ ही किशोरी बालिका का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यक उपचार और सलाह दें। बैठक में बताया गया कि जिले में सभी एनीमिक महिला की स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
कलेक्टर ने कहा कि जितना अधिक समन्वय होगा उतनी ही अधिक बेहतर परिणाम निकल कर सामने आएंगे। साथ ही जितनी अधिक जनभागीदारी होगी उतनी ही सार्थक परिणाम साबित होगा। सभी ग्रामीण स्तर पर महिलाओं एवं परिजनों को आवश्यक मार्गदर्शन देकर व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए कार्य करें। जिससे वे सजगता पूर्वक सुपोषण अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि पूरी ताकत से इस अभियान को सफल बनाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। कलेक्टर ने कहा कि हर गर्भवती महिला की नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत महिलाओं का संस्थागत प्रसव होना चाहिए। बच्चे के जन्म के उपरांत उसका स्वास्थ्य परीक्षण कर सभी आवश्यक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि एक भी बच्चा बिना टीकाकरण के ना रहे। समय पर सभी बच्चे को सभी जरूरी टीका लगना चाहिए। बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले को आवश्यक सुझाव देते हुए कहा कि दवाई पर्ची लिखते समय साफ-साफ अक्षरों में लिखें। जिससे ग्रामीणजन आसानी से दवाई की पर्ची को पढ़ और समझ सके। उन्होंने यह भी कहा कि सभी चिकित्सक जेनेरिक दवाई ही लिखें। जेनेरिक दवाई की महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सस्ती और उपयुक्त दवाई है। यह दवाई हर व्यक्ति की पहुंच होने के साथ ही सहज उपलब्ध है। बिना अधिक पैसा खर्च किये बिना कोई भी व्यक्ति जेनेरिक दवाई का क्रय कर सकता है। उन्होंने आगामी मौसमी बीमारी और बरसात में होने वाली जल जनित रोगों को ध्यान में रखते हुए पूर्व से जरूरी तैयारी करने कहा है।
कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि अभियान के दौरान बच्चे को अतिरिक्त पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान मितानिन और आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चे का चिन्हांकन करेंगे। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत 3 माह तक सभी गंभीर कुपोषित बच्चे को विशेष पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराया जाएगा। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अभियान को संचालित किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।