प्रदेश में टी बी के अति संवेदनशील समूह का होगा मानचित्रण …

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प्रदेश में टी बी के अति संवेदनशील समूह का होगा मानचित्रण …

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मधुमेह और उच्च रक्त चाप की भी होगी जांच

संभावित रोगियों की होगी जांच और उपचार , आज से शुरू होगा सर्वे

महीने भर शहरों की मलिन बस्तियों में चलेगा अभियान 

बिलासपुर, मई 11 : छत्तीसगढ़ को वर्ष 2023 तक टी बी मुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अति संवेदनशील समूह का मानचित्रण किया जाएगा। इस दौरान संभावित रोगियों की जांच होगी और रोग की पुष्टि होने पर उन्हे उपचार के लिए नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में संदर्भित किया जाएगा।

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कल से शुरू होने वाले सर्वे की शुरुआत शहरों की मलिन बस्तियों से की जाएगी। इसके अलावा जेल, खदान, आश्रय ग्रह और अन्य संवेदनशील जगहों का मानचित्रण किया जाएगा। सर्वे के दौरान टीबी की जांच सभी उम्र के लोगों की होगी और 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मधुमेह (diabetes) और उच्च रक्त चाप (hypertension) की भी जांच होगी। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में क्षय रोग या टी बी होने का जोखिम तीन गुणा अधिक होता है।

महीने भर चलने वाले इस सर्वे में शामिल होने आले स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण डाक्टर प्रदीप टंडन, राज्य प्रोग्राम मैनेजर (शहरी) द्वारा दिया गया। यह पूरी कवायद डाक्टर प्रियंका शुक्ला, एम डी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, के नेत्रत्व में की जा रही है।

सर्वेक्षण के लिए दो सदस्यों वाली टीमों का गठन किया जाएगा जिसमें एक ए एन एम होगी और दूसरा मितानिन, टीबी मित्र या किसी एन जी ओ का सदस्य हो सकता है। एक सर्वेक्षण दल एक दिन में कम से कम 25 घरों में जाएगा और बाकी जगहों पर 50 से 100 व्यक्तियों की जांच होगी।

मौखिक सर्वे में टीबी के लिए सभी सदस्यों की जांच होगी और लक्षण मिलने पर उसकी जांच 24 घंटों में ही की जाएगी और पुष्टि होने पर सबसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भेजा जाएगा। तीस वर्ष से अधिक उम्र के सदस्यों की मधुमेह और उच्च रक्त चाप की जांच भी टीम द्वारा की जाएगी। सभी जानकारियाँ एक फॉर्म में भरी जाएगी।

इस सर्वेक्षण में 16 जिलों में लगभग 36 लाख लोगों की जांच होगी और सर्वेक्षण के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाएगा ताकि सर्वे टीमों को कार्य करने में दिक्कत न हो और समुदाय का सहयोग भी प्राप्त हो।

सस्टैनबल डेवलपमेंट गोल्स (एस डी जी) के अनुसार टी बी का उन्मूलन वर्ष 2030 तक करना है जबकि भारत ने यह लक्ष्य वर्ष 2025 तक रखा है। वहीं छत्तीसगढ़ ने यह लक्ष्य वर्ष 2023 रखा है।

 

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