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(विश्व टीकाकरण सप्ताह 24 अप्रैल से 30 अप्रैल विशेष)
बिलासपुर, 23 अप्रैल 2022, टीकाकरण रोगों के प्रति शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर विभिन्न संक्रामक रोगों से जीवन भर सुरक्षा प्रदान करता है। नियमित टीकाकरण नहीं किए जाने से नवजात को कई बीमारियां होने का खतरा रहता है। शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और अति आवश्यक है। टीकाकरण असमय होने वाली मौतों को रोकता है। इसलिए टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 24 अप्रैल से 30 अप्रैल तक टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है।
इस वर्ष भी विश्व टीकाकरण सप्ताह 24 से 30 अप्रैल ‘’लॉंग लाइफ फॉर ऑल‘’ (Long Life for All) मतलब ‘’सभी के लिए लंबा जीवन’’ की थीम पर मनाया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैमुअल ने बताया “ “शिशुओं का टीकाकरण करके समुदाय के सबसे अधिक जोखिम ग्रस्त सदस्य यानि नवजात शिशु की सुरक्षा की जाती है। कोविड-19 टीकाकरण के साथ-साथ जिले में नियमित टीकाकरण का कार्य भी विशेष रूप से किया जा रहा है ताकि शत-प्रतिशत का लक्ष्य को हासिल किया जा सके।“
जिले ने शत- प्रतिशत उपलब्धि हासिल किया- जिला कंसल्टेंट हमित कश्यप ने बताया “यूआईपी (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम) व्यापक रूप से सबसे सफलतम टीकाकरण कार्यक्रम है जो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिले में भी इसी के तहत कोविड टीकाकरण के साथ-साथ बच्चों के पूर्ण टीकाकरण पर जोर दिया जाता है। साथ ही साथ लोगों से अपने बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराने की अपील भी की जाती है। इसी क्रम में जिले ने निर्धारित लक्ष्य का शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल किया है। यानि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूर्ण टीकाकरण के लिए वर्ष 2021-2022 में कुल 49,487 लक्ष्य निर्धारित था इसके विपरीत जिले ने 49, 549 यानि 100.13 उपलब्धि हासिल की। इनमें बिल्हा ब्लॉक में 11,437, कोटा में 7,029, मस्तुरी में 8,660, तखतपुर में 8,430 तथा बिलासपुर में 13,993 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया।“
संपूर्ण टीकाकरण – जब एक बच्चे को जन्म के पहले वर्ष में बीसीजी का एक टीका, पेंटावैलेंट वैक्सीन के तीन टीके, हेपेटाइटिस “बी” के तीन टीके, पोलियो की तीन खुराक, विटामिन “ए” का एक खुराक और खसरे (एमआर) का एक टीका लग गया हो तब उस बच्चे का टीकाकरण पूर्ण माना जाता है।