बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वस्थ जीवन-शैली अपनाना बहुत जरूरी…

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– हाइपरटेंशन और डायबिटीज से करना है बचाव तो सेहतमंद खान-पान अपनाएं और रहें खुश: डॉ. सिंह

रायपुर, 14 अप्रैल 2022, बदलती जीवनशैली और प्रदूषण से शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों के लोग भी गैर संचारी बीमारी जैसे बीपी (हाइपरटेंशन), शुगर (डायबिटीज या मधुमेह) की गिरफ्त में आ रहे हैं। स्वस्थ जीवन-शैली, रहन-सहन में बदलाव और सुपोषित आहार के जरिए इन बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय में एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फार कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कैंसर, कार्टियक कार्डियोवस्कुलर डिजिज डिसीजेस एंड स्ट्रोक) के उप संचालक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया “देश में हर वर्ष 28 प्रतिशत लोगों की मृत्यु अनियमित जीवनशैली और खानपान की वजह से होने वाली गैर संचारी बीमारियों के कारण होती है। इनमें हृदय रोग प्रमुख है। तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, अनियमित दिनचर्या और अनियमित खानपान हाइपरटेंशन के प्रमुख कारण हैं। लगभग यही कारण मधुमेह के भी हैं। तनाव से दूर रहने और खान-पान को बेहतर करने की जरूरत है। गैर संचारी बीमारियों जैसे बीपी, शुगर की जल्द पहचान कर समय पर इलाज होने से लोगों का जीवन बढ़ सकता है।“ उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि “आज की बदलती जीवनशैली और प्रदूषण से ये बीमारियां ग्रामीण इलाकों में भी फैलने लगी हैं। इसलिए शुरूआती चरण में ही रोगियों की पहचान कर नजदीकी चिकित्सा महाविद्यालय, जिला अस्पताल , स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जाँच और इलाज कराने से काफी हद तक इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज और फॉलोअप चेकअप तथा इलाज भी किया जाता है। साथ ही नियमित बढ़िया खानपान, व्यायाम और चिंतामुक्त रहकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। “

राज्य में संचालित है विशेष कार्यक्रम- देशभर में गैर संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य में भी विशेष कार्यक्रम एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फार कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कैंसर, कार्टियक कार्डियोवस्कुलर डिजिज डिसीजेस एंड स्ट्रोक) के तहत प्रत्येक जिले में बीमारियों से बचाव के प्रयास किए जा रहे हैं। सभी जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों एवं मेडिकल कॉलेजों में जिला स्तरीय टीम का गठन कर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक कुल 24,854 नए डायबिटीज ( शुगर या मधुमेह ) के रोगी और 24,0045 हायपरटेंशन (बीपी) के नए मरीजों की पहचान हुई है। इसके साथ ही 2,31,231 पुराने डायबिटीज ( शुगर या मधुमेह) के रोगी और 3,05,141 हायपरटेंशन (बीपी) के पुराने रोगियों का इलाज जारी है।

नियंत्रण में रखें वजन- विशेषज्ञों का मानना है मोटापा इन दोनों ही बीमारियों के मरीजों के लिए खतरनाक है। ऐसे में वजन पर संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए सुपोषित आहार भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद हों लेना चाहिए। फाइबर और प्रोटीन युक्त भोजन से भी वजन नियंत्रण में रहता है तथा शुगर-बीपी में भी राहत मिलती है। रोज आधे घंटे शारीरिक गतिविधियां, व्यायाम, योगा, प्राणायाम, ध्यान और वॉक (टहलने) करने से डायबिटीज और बीपी की परेशानियां कम होती हैं।

इनसे रहें दूर – डायबिटीज और बीपी के मरीजों को ज्यादा मीठा या नमकीन आहार खाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही धूम्रपान, तंबाकू, गुटखा और शराब का सेवन, तला-भूना खाना, रेड मीट, चावल, मैदा, ब्रेड, पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए।

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