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घनश्याम यादव/गरियाबंद -रायपुर @खबरवाला न्यूज
जिले में 04 मार्च से 08 अप्रैल तक चलाये जाने वाले शिशु संरक्षण माह को अब 22 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान बच्चों को विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप दी जायेगी । 12 अप्रैल से खुराक जिले में 4 सत्रों का अलग से आयोजन कर के पिलाई जायेगी । बढ़े हुए सत्र 12,15,19 और 22 अप्रैल 2022 को आयोजित होगें।
पत्र किया जारी
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ.मीरा बघेल ने एक पत्र जारी कर समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी कार्यक्रम प्रबंधक एनयूएचएम रायपुर एवं बिरगांव शहरी क्षेत्र को 22 अप्रैल तक 4 सत्र दिनों के लिए शिशु संरक्षण माह के विस्तार करने के संबंध में कहा गया है ।
पत्र में कहा गया है वर्तमान शिशु संरक्षण माह (एसएसएम) दौर का अंतिम सत्र समाप्ति की ओर है। कोरोना वायरस(कोविड19) परिदृश्य के कारण, फील्ड मॉनिटरिंग के दौरान यह पाया गया कि कुछ जगह के लाभार्थियों को अपेक्षित सेवाएं नहीं मिल पा रही थीं और वह छूट रहे थे । साथ ही प्रतिबंधित क्षेत्र के भी कुछ सत्र स्थलों पर आपूर्ति पहुंचने में देरी हुई है । इसलिए, विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप (आईएफएसिरप) के लिए प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचने के मद्देनजर, इस माह को 4 सत्र दिनों के लिए बढ़ा दिया हैं ताकि अभियान के समस्त हितग्राहियों को अभियान के दौरान दी जाने वाली सेवाओं से लाभान्वित किया जा सके और संचालित होने वाले शिशु संरक्षण माह में शत–प्रतिशत उपलब्धि हासिल की जा सके|
पूर्व की भांति ही नियम का होगा पालन
कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों को विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप की खुराक दी जाएगी। माता पिता को बच्चों को लाने का समय पहले ही बताया दिया जाएगा ताकि केंद्र पर भीड़ न लगे ।
क्यों जरूरी है विटामिन और आयरन
आयरन और विटामिन ए से बच्चों को कुपोषण से बचाया जाता है और उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से होता है। नौ माह से एक वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक एक एमएल, एक वर्ष से पांच वर्ष तक उम्र के बच्चों को दो एमएल, छः माह से 59 माह तक की उम्र के बच्चों को एक एमएल प्रति सप्ताह आयरन फोलिक एसिड आयरन फोलिक एसिड सिरप की निर्धारित खुराक में दिया जायेगा।
कुपोषित बच्चों को भेजेंगे पोषण पुनर्वास केंद्र
जहां पर विटामिन और सिरप को पिलाया जाएगा वहां बच्चों का वजन भी लिया जाएगा ।आयु और लंबाई के अनुसार कम वजन के बच्चों को कुपोषित बच्चों की श्रेणी में माना जाएगा और उन्हें जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र में 14 दिनों के लिए भर्ती करके उनके वजन में वृद्धि की जाएगी इस दौरान मां को कार्य क्षतिपूर्ति का पैसा दिया जायेगा।
वजन लेने पर रहेगा विशेष जोर
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.आशीष वर्मा ने बताया “टास्क फोर्स की बैठक में विशेष रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी रायपुर द्वारा निर्देशित किया गया है कि बच्चों का वजन अनिवार्य रूप से लिया जाए ताकि किसी भी कुपोषित, अति कुपोषित या गंभीर कुपोषित बच्चे को समय पूर्व चिन्हांकित कर उसे पोषण पुनर्वास केंद्र के माध्यम से मिलने वाली सुविधा का लाभ दिया जा सके” ।
सीएमएचओ ने की अपील
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मीरा बघेल ने अपील की है: “शिशुवती माताएं निर्धारित समय में केंद्रों पर पहुंचे और अपने बच्चे को शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विटामिन ए की खुराक पिलाएं । केंद्र पर भीड़ लगाने से बचें, शारीरिक दूरी का ध्यान रखें और पूर्व में निर्धारित समय पर पहुंचकर बच्चों को विटामिन ए के अनुपूरक कार्यक्रम का लाभ दिलवाए ।‘’
क्या कहते हैं आंकड़े :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो रायपुर जिले में 9 माह से 35 माह तक के लगभग 88.4 प्रतिशतबच्चों ने ही विटामिन ए की खुराक का सेवन किया है| इस आयु वर्ग के सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक मिलना अत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए सरकार द्वारा हर 6 माह में शिशु संरक्षण माह का आयोजन किया जाता है ताकि सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जा सके।