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– जिले को धूम्रपान मुक्त बनाए जाने की हो रही पुरजोर कोशिश, संस्थानों के प्रतिनिधियों को दी गई तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की व्यापक जानकारी
बिलासपुर, 16 मार्च, 2022, क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सरकंडा में बुधवार को जिले में धूम्रपान मुक्ति के लिए विशेष एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित की गई | इसमें नशामुक्ति के क्षेत्र में कार्य कर रही शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया |
उन्होंने जिले को धूम्रपान मुक्त बनाने में सहयोग देने के साथ ही अपने-अपने संस्थान को धूम्रपान मुक्त किए जाने की सहमति दी।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं कोटपा अधिनियम 2003 की समस्त धाराओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं जन समुदाय की सहभागिता तथा अधिनियम की जानकारी के साथ-साथ जिले को धूम्रपान मुक्त बनाए जाने के लिए सामूहिक योगदान के उद्देश्य से इस एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस दौरान उपस्थित विभिन्न संस्थान के प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं कोटपा अधिनियम 2003 की धाराओं के बेहतर क्रियान्वयन की अपील की गई। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जिले के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला सलाहकार डॉ अनुपम नाहक द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्य एवं जिले द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की गई। तंबाकू के प्रभाव व राज्य तथा जिले में इसकी व्यापकता के बारे में बताते हुए डॉ अनुपम नाहक ने कहा कि हमारे राज्य में महिलाओं में तंबाकू उपयोग करने की व्यापकता राष्ट्र के तुलना में दोगुनी है। इसके अलावा तंबाकू उत्पादों में विशेष तौर पर गैर धूम्रपान वाले तंबाकू उत्पादों का उपयोग भी यहां अधिक है।
राज्य स्तर पर कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही अंतरराष्ट्रीय संस्था द यूनियन के संभागीय सलाहकार द्वारा इन कानूनों के बारे में जानकारी दी गई तथा उसके प्रावधानों के अंतर्गत क्या-क्या उल्लंघन हो रहे हैं उनकी जानकारी प्रदान की गई|
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुझाव के रूप में संस्थाओं द्वारा अधिनियम व तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु सहयोग देने की बात कहीं गई, साथ ही 31 मई को धूम्रपान निषेध दिवस के अवसर पर सामूहिक रूप से कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा गया। साथ ही आगामी जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में समस्त उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने की सहमति दी गई जिससे उनके द्वारा तंबाकू नियंत्रण हेतु सुझाव प्रस्तुत किए जा सकें एवं कोटपा अधिनियम के उल्लंघन की निगरानी में सहयोग किया जा सके ताकि जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित किए जाने का क्रियान्वयन बेहतर किया जा सके |