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जगदलपुर, 16 मार्च 2022:महारानी अस्पताल जगदलपुर के प्रसव कक्ष एवं मेटर्निटी ऑपरेशन थियेटर को लक्ष्य कार्यक्रम अंतर्गत भारत सरकार से नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान विभिन्न स्तर पर किये गए मूूल्यांकन में प्राप्त हुए अंको के आधार पर किया गया है, जिसमें प्रसव कक्ष में 87 प्रतिशत एवं मेटर्निटी ओटी में 86 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही महारानी अस्पताल बस्तर जिले का प्रथम स्वास्थ्य केंद्र भी बन गया है, जोकि एनक्यूएएस सर्टिफाईड है।
विगत 2 वर्षो में महारानी अस्पताल जगदलपुर में अधोसंरचना, मानव संसाधन एवं सुविधाओं के संबंध में किया गया अभूतपूर्व कार्य एवं स्टाफ की चिकित्सा सेवा में लगन और मेहनत से जिला चिकित्सालय ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार की टीम ने जनवरी माह में अस्पताल का मूल्यांकन किया था। सिविल सर्जन डॉ संजय प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार के मूल्यांकन के मापदंड काफी सक्त होते है। महारानी अस्पताल मूल्यांकन में खरा उतरा और इसे गुणवत्ता सर्टिफिकेट के लिए चुना गया। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल की जो इकाई (कादम्बिनी-मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई) राष्ट्रीय स्तर से सम्मानित की गई है। इसकी अधोसंरचना के साथ ही साथ मानव संसाधन की उपलब्धता भी जिला प्रशासन के सहयोग से क्रियाशील हो पाई है। शासन स्तर से यह इकाई स्वीकृत नहीं होने के बावजूद भी उपलब्ध अमले के संयुक्त प्रयास से यह उपलब्धि अस्पताल को मिल पाई है।
प्रसूति विभाग विभागधाध्यक्ष डॉ शांति पांडे ने बताया कि इसके लिये तीन स्तरों पर (सहकर्मी, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर) मूल्यांकन किया गया है। जिसमें प्रसव वार्ड एवं प्रसूति ऑपरेशन थियेटर के कुल 8 पृथक-पृथम क्षेत्रों में अस्पताल के कार्य को देखा गया है। इसमें अस्पताल में दी जाने वाली सेवायें, मरीजों के अधिकार, अधोसंरचना उपकरणों की उपलब्धता, सपोर्ट सिस्टम, क्लिनिकल, सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल आदि शामिल है। राष्ट्रीय स्तर के एक्सटर्नल असेसर द्वारा लगातार दो दिवसों तक रात्रिकालीन समय में भी अस्पताल में दी जाने वाली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का आंकलन किया गया। क्वालिटी के मापदंडों में प्राप्त अंको को देखते हुए संबंधित स्टाफ को लक्ष्य मेडल (गोल्ड बैज) से सम्मानित किया जाएगा। इस उपलब्धि में विभाग के चिकित्सकीय अमले के साथ ही साथ मातृ शिशु इकाई में सेवारत समस्त नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं प्रबंधकीय अमले का विशेष योगदान रहा है।