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महासमुंद 10 मार्च 2022: प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ से निपटने के लिए गुरूवार को शाम 4ः00 बजे से मॉक एक्सरसाईज का आयोजन वन चेतना केन्द्र कुहरी कोडार में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) थर्ड बटालियन मंडलई कटक (ओड़िशा) के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा किया गया। इस मौके पर कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, अनुविभागीय अधिकारी श्री भागवत जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर सुश्री नेहा
भेड़िया, जिला नगर सेनानी श्री ए.के. एक्का, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री आशीष तिवारी, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अधिकारियों ने क्विक डिप्लायमेंट एंटीना (क्यूडीए) सेट भी लगाए थे। इस बारे में उन्होंने कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों को उसके कार्यप्रणाली के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि जहां पर किसी प्रकार की नेटवर्क की समस्या होने पर भी यह क्विक डिप्लॉयमेंट एंटीना आपदा के समय भी सुचारू रूप से कम्यूनिकेशन करता है। इसका उपयोग आपदा के समय कॉलिंग, वीडियों कॉलिंग सहित अन्य जनसंचार माध्यमों के लिए किया जाता है।
इस पूरी एक्सरसाइज को थर्ड एनडीआरएफ बटालियन, मंडलई कटक (ओड़िशा) के अधिकारी श्री यू.एस. प्रसाद, सब इंस्पेक्टर श्री बी.के. मीना, श्री पुष्पेन्द्र दुहान सहित 30 सदस्यीय टीम ने इस मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा की स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों से अवगत करवाया गया, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा के समय जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन की शुरुआत स्वयं से शुरू करनी होगी तथा जन-जन को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करना होगा।
वर्तमान समय में पूरा विश्व प्राकृतिक और मानव कृत आपदाओं का सामना कर रहा है जिसके कारण अत्यधिक रूप से जन और धन का विनाश होता है। आपदा कभी बताकर नहीं आती और ना ही आपदा आने के उपरांत तैयारी कर सकते हैं, जो भी तैयारी करनी है, वह आपदा आने से पहले अपने आप को तैयार करना होता है, जिससे आपदा से कम से कम जनधन का नुकसान हो। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) थर्ड बटालियन के मार्गदर्शन में संपूर्ण मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
इस दौरान बताया गया कि यदि नदी, तालाब, बाढ़ पानी कि स्थिति बन जाए तो उस समय क्या जरूरी उपाय करना चाहिए। इस मौके पर पीड़ितों के बचाव का अभ्यास किया गया। पीड़ितों को एकदम स्थानीय अस्पताल में भेजना तथा बांध प्रशासन की ओर से जिला प्रशासन को सूचित करना, जिला प्रशासन की ओर से अगली कार्रवाई के लिए एनडीआरएफ को बुलाना आदि मॉक ड्रिल का हिस्सा रहे।