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रायगढ़, 10 मार्च 2022:बच्चों में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए लगातार कार्य करें, जिले में जितने भी बच्चे कुपोषित है, उनके घर-घर जाए उनके पालकों से मिलकर उनकी काउंसिलिंग करें और बच्चों को सुपोषित बनाने आंगनवाड़ीवॉर कार्ययोजना तैयार कर उस पर अमल करें। ताकि रायगढ़ जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लक्ष्य को हम जल्द प्राप्त कर सकें। उक्त बातें कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जिले के 19 पंचायत शत-प्रतिशत कुपोषण मुक्त हो चुके, 426 पंचायतों में कुपोषण की दर 10 प्रतिशत से नीचे जा चुकी है। यह सराहनीय बात है। इन पंचायतों के लिए विशेष योजना के साथ कार्य करने पर जल्द ही ये भी शत-प्रतिशत कुपोषण मुक्त होंगे।
कलेक्टर श्री सिंह ने माह सितम्बर से फरवरी 2022 तक में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी लाने वाले टॉप 10 सेक्टरों की जानकारी ली। जिनमें से तमनार के सराईडीपा एवं पुसौर के डुमरमुड़ा सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन रहा। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह उक्त सेक्टर के सुपरवाईजर से उनके कार्यशैली के बारे में पूछा तो उन्होंने अपना अनुभव साझा किया। साथ ही इस दौरान अपेक्षानुरुप काम नही करने वाले खरसिया के बर्रा सेक्टर सुपरवाईजर को नोटिस जारी करने कहा। कलेक्टर श्री सिंह ने महिला बाल विकास अधिकारी को कहा कि जिन-जिन सेक्टरों में कुपोषण के मामले अभी भी अधिक हैं वहां विशेष मॉनिटरिंग करें। यहां यदि कोई समस्या है तो तत्काल उसका निराकरण किया जावे। उन्होंने कहा कि 3-6 वर्ष के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी में चावल खिलाया जाना है। जहां भी चावल की कमी है उसकी सूचना तत्काल मुझे दें। घरघोड़ा में जो बच्चे लाभान्वित नहीं हो पाए है और जो आंगनबाड़ी तक पहुंच नहीं पा रहे है, उन्हें वहां तक लाने की व्यवस्था करें। बैठक के दौरान उन्होंने कुपोषण मुक्ति के लिए चल रहे कार्यों की समीक्षा की और सभी सीडीपीओ से उनके काम के बारे में जानकारी ली। कुछ सीडीपीओ द्वारा संतोषजनक जानकारी नहीं दिए जाने पर कलेक्टर श्री सिंह ने गहरी नाराजगी जतायी और उन्हें अपने काम में कसावट लाने के निर्देश दिए। जिन सीडीपीओ का प्रदर्शन कमजोर है, उन्हें नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा नए कौशल्या मातृत्व योजना एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुपोषण मुक्ति की दिशा में सतत् रूप से कार्य करने हेतु जिले में डीएमएफ फंड से आंगनबाड़ी सेक्टरों में मुर्गीपालन का काम बढ़ाने बैक यार्ड पोल्ट्री बांटे गये है। जिससे स्थानीय स्तर पर ही अंडों का उत्पादन बढ़े और आंगनबाड़ी में इसकी आपूर्ति की जा सके।
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक के दौरान बाल संदर्भ शिविर की सेक्टरवार जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रतिमाह एक सेक्टर में एक शिविर होना आवश्यक है। जहां बच्चों की जांच के साथ जरूरी दवाईयां मिलनी चाहिए। इस दौरान सीएमएचओ डॉ.एस.एन.केशरी, महिला बाल विकास अधिकारी श्री टी.के.जाटवर, समस्त सीडीपीओ, सेक्टर सुपरवाईजर, कार्यकर्ता सहित विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
गर्भवती महिलाओं के लिए लगाएं काउंसिलिंग शिविर
कलेक्टर श्री सिंह ने गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जांच के साथ सही जीवन शैली के पालन की काउंसिलिंग के लिए विकासखंड स्तर पर शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने एनआरसी में लाभान्वित बच्चों की संख्या के बारे में जानकारी ली और सभी सीडीपीओ को अपने क्षेत्रों में काम बेहतर करने के निर्देश दिए।।
कुपोषण मुक्त पंचायत होने पर गांव के जनप्रतिनिधि और आंगनबाड़ी स्टाफ होंगे सम्मानित
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक के दौरान कुपोषण मुक्त पंचायत की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जो पंचायत शत-प्रतिशत कुपोषण मुक्त होंगे, वहां के सरपंच, सचिव व आंगनबाड़ी स्टाफ को सम्मानित किया जाएगा।