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नई दिल्ली: नीति आयोग ने आकांक्षी जिले बस्तर में आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित वनोपज आधारित बस्तर फूड फर्म और आकांक्षी जिले दंतेवाड़ा में महुआ से विभिन्न खाद्य उत्पाद तैयार करने की पहल की सराहना करते हुए दो अलग-अलग ट्वीट किए हैं।
नीति आयोग ने जनजातीय अर्थव्यवस्था में महुआ के महत्व और बस्तर जिले में शुरू की गई बस्तर फूड फर्म पर ट्वीट किया है। महुआ के महत्व को रेखांकित करते हुए नीति आयोग द्वारा ट्वीट किया गया है- क्या आप जानते है, आंकाक्षी जिले दंतेवाड़ा में, महुआ जनजातीय अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है? इस ट्वीट में लिखा है कि महुआ पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर एक मीठा फूल है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में महुआ से लड्डू, चाय, जैम, जेली और कुकीज जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं। इस ट्वीट में हाईजीन के मापदंडों के साथ किचन में महुआ के उत्पाद तैयार करती महिलाओं और महुआ लड्डू का चित्र दर्शाया गया है।
इसी तरह नीति आयोग ने बस्तर जिले में शुरू की गई वनोपजों पर आधारित बस्तर फूड फर्म में खाद्य पदार्थ तैयार करती महिलाओं का चित्र प्रदर्शित करते ट्वीट में लिखा है कि आकांक्षी जिले बस्तर में बस्तर फूड फर्म का लक्ष्य लोगों को वनों से मिलने वाले खाद्य पदार्थाें से स्वास्थ्य को होने वाले लाभों के प्रति जागरूक करना है। बस्तर फूड फर्म से आदिवासी समुदाय के लिए आजीविका के अवसर मिल रहे हैं और महिला सशक्तिकरण के जरिए महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।