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रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ”अपन भाखा म” छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोली-भाषा पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम वरिष्ठ कवि, लेखक, साहित्यकार डॉ. पी.सी. लाल यादव के मुख्य अतिथ्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि व लेखक मीर अली मीर, प्रसिद्ध गीतकार, कवि, लेखक, साहित्यकार डॉ. चम्पेश्वर गोस्वामी अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा किया गया।
वेबिनार में सभी अतिथियों ने मातृभाषा के महत्व को अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से विस्तृत रूप से बताया। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। शिक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में बोली जाने वाली स्थानीय बोली-भाषा और छत्तीसगढ़ी भाषा के माध्यम से अपने विचारों को स्व-रचित रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया। आयोजित कार्यक्रम में समग्र शिक्षा के अतिरिक्त मिशन संचालक श्री के.सी. काबरा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में पढ़ाये जाने और शिक्षकों को इसके लिए तैयार करने पर विशेष जोर दिया।
समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न भाषाओं में बनाए गए प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी और भाषा वाले शिक्षकों द्वारा अपनी भाषा में सोशल मीडिया में संवाद करने की जानकारी दी। उन्होंने घर की भाषा और स्कूल की भाषा में अंतर की वजह से ड्रॉप आऊट की समस्या के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया।